Thursday , November 7 2024
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संदेशखाली हिंसा पर टीएमसी ने NCW अध्यक्ष के दौरे पर उठाए सवाल, भाजपा ने ममता की चुप्पी पर साधा निशाना

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली हिंसा को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार जारी है। विपक्षी पार्टियों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर तीखा हमला करते हुए राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया है। वहीं टीएमसी ने भी भाजपा पर पलटवार करते हुए इलाके में अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। इसी बीच भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने सीएम ममता बनर्जी पर इस मामले में चुप्पी बनाए रखने का आरोप लगाया है।

संदेशखाली हिंसा पर सत्ता पक्ष और विपक्ष का वार-पलटवार
लॉकेट चटर्जी ने सीएम ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी ने इस मामले में अबतक एक भी बयान नहीं दिया है। शाहजहां शेख अभी भी फरार है। पुलिस उन्हें ढूंढ भी नहीं पा रही है। उन्हें (टीएमसी) 30 फीसदी वोट चाहिए। हमने पाकिस्तान में महिलाओं पर अत्याचार के बारे में सुना था। अब यही चीज बंगाल में देखने को मिल रहा है और ममता बनर्जी इसपर चुप है। वह कह रही हैं कि ये सब आरएसएस कर रहा है।”

ममता बनर्जी के बयान पर लॉकेट चटर्जी ने कहा, “ममता बनर्जी को महिलाओं की बात पर यकीन नहीं है। पुलिस, शाहजहां शेख और उनके सहयोगी सभी एकसाथ हैं। महिलाएं इसका जवाब 2024 के चुनाव में देंगी।” वहीं आज राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा संदेशखाली पहुंची। उनके इस दौरे पर टीएमसी नेता शशि पांजा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “उन्हें (रेखा शर्मा) यह जानने की जरूरत है

कि राज्य सरकार ने इस गंभीर परिस्थिति को सामान्य करने के लिए कदम उठाए हैं। एनसीडब्ल्यू ने डबल इंजन सरकार वाले राज्यों का दौरा क्यों नहीं किया? हम मां शारदा की पूजा करते हैं और भाजपा ने उनका कैरीकेचर बनाकर हमारी भावनाओं को आहत किया है। एनसीडब्ल्यू इन मामलों को नजरअंदाज क्यों करती हैं?” संदेशखाली हिंसा पर भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने कहा, “टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के लिए हम आने वाले दिनों में कम से कम 72 घंटों का प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन का संभावित दिन 22 फरवरी है।”

क्या है विवाद
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित गांव संदेशखाली इन दिनों भारी विरोध प्रदर्शन का गवाह बन रहा है। दरअसल गांव की महिलाओं ने बीते दिनों आरोप लगाए थे कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं ने उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया और कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन शोषण के भी आरोप लगाए थे।