आम चुनाव के बाद पाकिस्तान की बागडोर किसके हाथ में होगी, यह अब लगभग साफ हो चुका है। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पीएमएल-एन ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष शहबाज शरीफ के नाम को आगे बढ़ाया है। इससे पहले अटकलें थीं कि उनके बड़े भाई नवाज शरीफ के नाम का एलान किया जाएगा। पीएमएल-एन ने मंगलवार की देर शाम शहबाज के नाम का एलान कर सबको चौंका दिया था। इस कदम को नवाज के सियासी करियर के अंत के तौर पर देखा जा रहा है। वह चौथी बार इस पद को हासिल करने में नाकाम रहे।
नवाज शरीफ तीन बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। जबकि, शहबाज शरीफ एक बार पहले देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। अब पीएमएल-एन के कार्यकारी अध्यक्ष शहबाज के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद है। आम चुनाव के त्रिशंकु परिणाम सामने आने के बाद दोनों भाइयों ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए पिछले एक हफ्ते में अन्य दलों से संपर्क किया है। अगर सब कुछ योजना के मुताबि होता है तो अगले महीने की शुरुआत में छह दलों की गठबंधन सरकार देश की बागडोर संभाल सकती है।
आम चुनाव में तीनों प्रमुख दलों पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। इसलिए, कोई भी दल अकेले अपने दम पर सरकार बनी बना पाएगा। सूत्रों ने बताया कि सैन्य प्रतिष्ठान ने नवाज के बजाय शहबाज के पलड़े को भारी किया है।
पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के मुताबिक, शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान नवाज की तुलना में शहबाज के साथ काम करने में ज्यादा सहज है। सैन्य प्रतिष्ठान ने ही पिछले साल अक्तूबर में नवाज को लंदन से वापसी की सुविधा दी और उनके चार साल के आत्म-निर्वासन को खत्म किया। हालांकि, नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने अपने पिता के सियासी करियर के बारे में अटकलों को खारिज किया। पंजाब प्रांत में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहीं मरियम ने बुधवार को कहा था कि नवाज शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन पूरा जनादेश न मिलने के कारण वह इस शीर्ष पद से पीछे हटे।
मरियम ने अपने पिता के सियासी करियर के खत्म होने संबंधी खबरों को खारिज किया। उन्होंने कहा, उनका (नवाज) राजनीतिक करियर अभी खत्म नहीं हुआ है। इन अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है कि नवाज ने सियासत से संन्यास लेने का फैसला किया है। वह केंद्र और पंजाब सरकार की निगरानी करेंगे और अपनी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, पहले तीन बार जब नवाज शरीफ सत्ता में रहे, तब नेशनल असेंबली में उनके पास पूरा बहुमत था। लेकिन, अब पीएमएल-एन को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। मरियम ने कहा, जो नवाज को जानते हैं, उन्हें यह भी पता है कि उनकी गठबंधन सरकार नेतृत्व करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और चुनावी भाषण के दौरान वह इसका एलान भी कर चुके थे।