दुनिया में आज जहां एक तरफ युवक-युवतियां वैलेंटाइन डे मना रहे हैं। वहीं मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में आधे से अधिक मतदाता, जो कि युवा हैं, नई सरकार बनाने के लिए मतदान कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था, मानवाधिकारों पर चिंताओं के बीच यहां 20 करोड़ से अधिक मतदाता नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इंडोनेशिया में फिलहाल जोको विडोडो राष्ट्रपति हैं।
इन प्रतिनिधियों का भी होगा चुनाव
बता दें, आज दुनिया के सबसे बड़े एक दिवसीय चुनाव में न केवल नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को बल्कि संसदीय और स्थानीय प्रतिनिधियों को भी चुना जाएगा। ‘जोकोवी’ के नाम से लोकप्रिय विडोडो अपने दो कार्यकाल की अधिकतम सीमा पूरी कर चुके हैं। उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद इंडोनेशिया अपनी राजनीति में एक नए चरण की शुरुआत करना चाहता है।
इंडोनेशिया में 27 करोड़ आबादी
इंडोनेशिया की कुल 27 करोड़ आबादी में से 20.4 करोड़ लोग मतदान करेंगे। मतदान के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इसलिए उम्मीद है कि अधिक लोग मतदान करेंगे। पिछले साल 2019 में 81 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था। इंडोनेशिया में 18 राजनीतिक दल हैं, जो 575 संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
वर्तमान में जोको विडोडो (जोकोवी) इंडोनेशिया के राष्ट्रपति हैं, जो पिछले 10 वर्षों से इंडोनेशिया के शीर्ष पद पर बैठे हैं। वहीं, इस चुनाव में तीन उम्मीदवार राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं। लेकिन सबकी नजरें राष्ट्रपति पद के दावेदार प्रोबोवो सुबिआंतो पर टिकी हुई हैं। वे पूर्व सैन्य जनरल रह चुके हैं और इस सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके हैं।
तीन जोड़ी राष्ट्रपति पद के शीर्ष उम्मीदवार
इंडोनेशिया में राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद के लिए तीन जोड़िया मुख्य रूप से आगे चल रही हैं। राष्ट्रपति पद के लिए पहला नाम- वर्तमान रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबियांतो (72) का है, जो 2014 और 2019 में जोकोवी से हार गए थे। उन पर 1990 के दशक के अंत में 20 से अधिक लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के अपहरण का आरोप है।
साथ ही उन पर पूर्वी तिमोर और पापुआ में मानवाधिकारों के हनन का भी आरोप है। वहीं, सुबियांतो के साथी और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जिब्रान राकाबुमिंग (36) भी विवादास्पद रहे हैं। हालाँकि प्रबोवो और जिब्रान को जोकोवी का स्पष्ट समर्थन नहीं है।