किडनी को शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक माना जाता है, ये आपके शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने के साथ रक्तचाप को कंट्रोल करने, पीएच लेवल को मेंटेन रखने और हार्मोन्स के स्तर को ठीक बनाए रखने में भी मददगार है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में जिन अंगों से संबंधित बीमारियों को बढ़ते हुए देखा गया है, किडनी उनमें से एक है। इतना ही नहीं कम उम्र के लोग भी किडनी की बीमारियों के शिकार होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, किडनी की समस्याओं पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये किडनी फेलियर का भी कारण बन सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, किडनी फेलियर के अधिकतर मामलों में रक्त में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने को एक कारण पाया जाता है। आखिर क्या होती है क्रिएटिनिन? इससे किडनी को किस प्रकार से नुकसान पहुंचती है और इसे कंट्रोल करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, आइए इस बारे में जानते हैं।
क्रिएटिनिन और किडनी रोगों का खतरा
क्रिएटिनिन मांसपेशियों द्वारा उत्पादित एक अपशिष्ट उत्पाद है, सामान्यत: हमारी किडनी इसे फिल्टर कर देती है। अगर रक्त में क्रिएटिनिन की मात्रा अधिक हो जाए तो किडनी के लिए इसे फिल्टर कर पाना कठिन हो जाता है और गंभीर स्थितियों में ये किडनी फेलियर का भी कारण बन सकती है। आहार-लाइफस्टाइल में सुधार करके क्रिएटिनिन के स्तर को ठीक बनाए रखने में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं कि इसके लिए किन चीजों का सेवन लाभकारी माना जाता है।
प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करें संयमित
शोध से पता चलता है कि अधिक मात्रा में प्रोटीन वाली चीजों के सेवन से क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है। विशेष रूप से रेड मीट जैसे प्रोटीन के स्रोत क्रिएटिनिन को बढ़ाने वाले माने जाते हैं। जो लोग रेड मीट या डेयरी उत्पादों सहित अन्य प्रोटीन स्रोतों का अधिक सेवन करते हैं उनमें क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है। इसे कंट्रोल में रखने के लिए प्रोटीन का संयमित मात्रा में सेवन करें।
फाइबर की बढ़ाएं मात्रा
क्रिएटिनिन के स्तर को कंट्रोल करने के लिए आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाने से लाभ मिल सकता है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाया, ऐसे क्रोनिक किडनी डिजीज वाले रोगियों क्रिएटिनिन के स्तर में महत्वपूर्ण सुधार आया। फाइबर कई खाद्य पदार्थों में पाए जाते है। फल-सब्जियां, साबुत अनाज और नट्स के सेवन से आप लाभ पा सकते हैं।
धूम्रपान और अल्कोहल से बचें
सिगरेट पीने से शरीर को कई तरह से नुकसान हो सकता है, इससे क्रोनिक किडनी रोग का खतरा भी बढ़ सकता है। इसी तरह से किडनी को स्वस्थ रखने के लिए शराब से भी दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है। शोध से पता चला है कि शराब से दूरी बनाकर क्रोनिक किडनी रोग के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। धूम्रपान और अल्कोहल, ब्लड में क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ाने वाले हो सकते हैं।