कांग्रेस को एक के बाद एक तगड़ा झटका मिल रहा है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव पास आ रहे हैं। वैसे-वैसे पार्टी के नेता उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं। अब कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक चव्हाण ने राज्य में पार्टी को छोड़ने का फैसला किया है। उनके इस्तीफा देने पर कांग्रेस का कहना है कि जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं उन पर जांच एजेंसियों का दबाव है।
बता दें, लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्पीकर को अपना इस्तीफा भेजा। साथ ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ने का एलान किया है।ऐसी अटकलें हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं।
इन विश्वासघातियों को…
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने चव्हाण का नाम लिए बिना कहा, ‘जब मित्र और सहयोगी किसी ऐसी राजनीतिक पार्टी को छोड़ते हैं, जिसने उन्हें बहुत कुछ दिया है, शायद उससे कहीं ज्यादा, जिसके वे हकदार हैं। लेकिन जो लोग कमजोर हैं, उनके लिए यह वॉशिंग मशीन हमेशा वैचारिक प्रतिबद्धता या व्यक्तिगत वफादारी से अधिक आकर्षक साबित होगी। इन विश्वासघातियों को इस बात का एहसास नहीं है कि उनके जाने से उन लोगों के लिए नए बड़े अवसर पैदा हुए हैं जिनकी वृद्धि में वे हमेशा रुकावट बनते आए हैं।’
विपक्ष की राजनीति करना बहुत मुश्किल
इस बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘आज विपक्ष की राजनीति करना बहुत मुश्किल है। आज सरकार की आंख में आंख में डालकर यह बोलना बहुत मुश्किल है कि आपका सारा फर्जीवाड़ा (आंकड़ों का) गलत है, आपका ‘श्वेत पत्र’ गलत है। किसी के ऊपर जांच एजेंसी का दबाव है, किसी पर प्रलोभन होता है और किसी के ऊपर अन्य तरह का दबाव बनाया जाता है।’ उन्होंने कहा कि हाल के समय में जिन लोगों ने पार्टी छोड़ी है, उन सबके ईडी के मामलों को देख लीजिए, तो तस्वीर अपने आप साफ हो जाएगी।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘विपक्ष की राजनीति मुस्तैदी से करना बहुत मुश्किल है। यह वही कर सकता है जिसके अंदर लड़ने का कलेजा है, माद्दा है और शिद्दत है, जो सरकार से कहता है कि जेल में डाल दो, लेकिन तुम्हारा विरोध करता रहूंगा, सच के लिए खड़ा रहूंगा। मुझे लगता है कि राहुल गांधी आज यह काम बखूबी कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘जो जा रहा है उसको हाथ पकड़कर हाथ नहीं रोक सकते। उसके ऊपर जरूर कोई दबाव होगा। मुझे लगता है कि यह दबाव एजेंसियों का है।’