बीते कुछ सालों में ओटीटी प्लेटफार्म ने सफलता के नए रिकॉर्ड बनाए हैं। ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई कई वेब सीरीज ने रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की। वहीं, अब कई बड़ी फिल्में भी ओटीटी का रुख कर रही हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओटीटी को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद से ओटीटी सेंसरशिप को लेकर फिर से कयास लगने शुरू हो गए हैं।
ओटीटी प्लेटफार्म को सही रास्ते पर लाने का प्रयास
दरअसल, ओटीटी पर सेंसर न होने की वजह से मेकर्स को अपनी रचनात्मकता दिखाने की खुली छूट मिलती है, लेकिन कई बार मेकर्स पर इस छूट का फायदा उठाने का आरोप भी लगता है। इसी बीच शुक्रवार को अनंत विजय द्वारा लिखित पुस्तक ‘ओवर द टॉप ओटीटी का मायाजाल’ का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे, जिन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्म की आलोचना करने के बजाय उन्हें सही रास्ते पर लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
गलत चीजे होने पर सरकार का उठाएगी कड़े कदम
इस दौरान अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, ‘सरकार मेकर्स और कंटेंट क्रिएटर की रचनात्मकता के आड़े नहीं आएगी, लेकिन रचनात्मकता की आड़ भी कुछ भी गलत होने पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। यदि आप न्यूडिटी, अभद्र भाषा का प्रदर्शन करते हैं तो हमने पहले भी कड़े कदम उठाए हैं और भविष्य में भी ऐसा करने में बिल्कुल संकोच नहीं करेंगे’।
भारतीय संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने अवसर
ठाकुर ने कहा, ‘ओटीटी और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म भारतीय कहानियों और उसकी संस्कृति और परंपराओं को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करती हैं। मैं इस चीज को सकारात्मक रूप में देखता हूं। हमें गलत चीजों को खत्म करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि अच्छे कंटेंट के जरिए देश की आवाज दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे।
28 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा ंमनोरंजन इंडस्ट्री
सूचना प्रसारण मंत्री ने मनोरंजन और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘सरकार का उद्देश्य व्यवसाय को प्रोत्साहित करना है, उसे दबाना नहीं। मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री हर साल 28 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और इसमें रोजगार और राजस्व सृजन की काफी संभावनाएं हैं’।