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नवाज शरीफ या फिर जेल से जीतेंगे इमरान? बड़े कठिन मोड़ पर है पाकिस्तान

पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हुआ था। आज नतीजे आ रहे हैं। पाकिस्तान में पूर्व भारत के उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया ने पहले ही इन नतीजों की भविष्यवाणी कर दी थी। अजय बिसारिया के मुताबिक यह चुनाव धांधली से भरा होगा। सेना पाकिस्तान में नई सरकार बनने में बड़ी भूमिका निभा रही है और पूर्व प्रधानमंत्री तथा निर्वासन से लौटे नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन) के सत्ता में लौटने के आसार हैं। अभी आ रहे रुझान और घोषित नतीजों में नवाज शरीफ की पार्टी पहले नंबर आ सकती है।

अभी तक घोषित चुनाव नतीजों में पीएमएल-एन को 13 सीटें, इमरान खान की पार्टी (पीटीआर्ई) से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे 12 सदस्य और बिलावल भुट्टो की पीपीपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है। नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज भी चुनाव जीत गई हैं। इमरान खान जेल में बंद हैं और उन्होंने वहीं से सत्ता में लौटने की गोटियां बिछाई हैं।

नवाज के सत्ता में आने से बदल सकते हैं साऊथ एशिया में समीकरण

नवाज शरीफ का घराना पाकिस्तान के उद्योगपतियों में शामिल है। नवाज को भारत के साथ उदार रिश्ते के लिए जाना जाता है। नवाज शरीफ ने चुनाव प्रचार के दौरान भी भारत के साथ अपने रिश्ते को प्रचार का जरिया बनाया था। जबकि नवाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री थे और तब पाकिस्तान की सेना ने जनरल परवेज मुशर्रफ के प्रभाव में कारगिल में घुसपैठ की थी। लेकिन नवाज शरीफ कारगिल के बाद नवाज शरीफ को रिश्ते सुधारने में उदार रवैया अपनाने के लिए जाना जाता है। भारत के आमंत्रण में वह 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर भारत आए थे। प्रधानमंत्री मोदी भी बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की सूचना के नवाज शरीफ के घर शादी समारोह में शामिल हुए थे। नवाज का चुनाव के दौरान एक वक्तव्य काफी वायरल हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि पड़ोसी (भारत) चांद पर पहुंच गया और पाकिस्तान रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है। माना जा रहा है कि नवाज शरीफ के सत्ता में लौटने के बाद पाकिस्तान के अन्य देशों से रिश्तों को भी नया आयाम मिल सकता है।

नतीजा आने पर भारत देगा प्रतिक्रिया और बधाई

विदेश मंत्रालय अधिकारिक रूप से पाकिस्तान के चुनाव को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। समझा जा रहा है कि चुनाव नतीजे आने और वहां नई सरकार के गठन के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औपचारिकता का निर्वाह करते हुए पाकिस्तानी समकक्ष को बधाई और शुभकामनाएं देंगे। इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त में रह चुके विदेश सेवा के एक अन्य पूर्व अधिकारी का कहना है कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। सूत्र का कहना है कि पाकिस्तान बड़े उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। इमरान खान की पार्टी के समर्थित उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल हो रहे हैं। बहुत हद तक संभव है कि पाकिस्तान में किसी भी एक राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए बहुमत न मिले और वहां साझा गठबंधन की सरकार का गठन हो। पूर्व राजनयिक ने कहा कि भारत हमेशा से एक शांति प्रिय, स्थाई और मजबूत पाकिस्तान का समर्थक रहा है।

बड़े कठिन दौर से गुजर रहा है पड़ोसी देश पाकिस्तान

पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर भारत और पाकिस्तान की तुलना पर कहते थे कि भारत में लोकतंत्र है। पड़ोसी देश में लोकतंत्र आकार लेते-लेते व्यवस्थाओं के टूटने के कारण टूट रहा है। पूर्व एयर वाइस मार्शल एनबी सिंह का कहना है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों से संपन्न है, लेकिन वहां सेना हावी है। वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है और कट्टरपंथ हावी हैं। एनबी सिंह कहते हैं कि अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध भी पहले वाले नहीं हैं। हालांकि उसकी चीन से निकटता है, लेकिन अस्थिरता जैसी स्थिति के कारण पड़ोसी देश तमाम पेंचीदगियों में फंसा है। इस स्थिति में नवाज शरीफ के चुनाव जीतने पर पड़ोसी देश को कुछ फायदा मिल सकता है। अंतरराष्ट्रीय मामले के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पाकिस्तान कठिन दौर से गुजर रहा है। हाल में ईरान और पाकिस्तान का तनाव चरम पर आ गया था। पड़ोसी देश की सीमा से लगते अफगानिस्तान के आतंकी भी उसकी सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं। दूसरे आर्थिक स्थिति पर पाकिस्तान बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।