असम विधानसभा सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने शुक्रवार को कहा कि पुरानी पेंशन योजना(ओपीएस) की बहाली की मांग करने वाले कर्मचारियों के साथ राज्य सरकार लगातार बातचीत कर रही है। राज्य में एनपीएस पर कर्मचारियों की शिकायतों का मामला असम गण परिषद (एजीपी) विधायक रामेंद्र नारायण कलिता ने सदन में उठाया, जिन्होंने कहा कि अगर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल किया जाता है तो कर्मचारियों को अधिक लाभ होगा।
सदन में ओपीएस पर पीयूष हजारिका का बयान
सरकार की ओर से जवाब देते हुए पीयूष हजारिका ने कहा कि एनपीएस को ओपीएस के प्रावधानों के आधार पर तैयार किया गया था। नई प्रणाली में ग्रेच्युटी भुगतान और पारिवारिक पेंशन सहित अन्य प्रावधान हैं, जैसा कि ओपीएस के तहत था। मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि एनपीएस के तहत,
किसी कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत पेंशन फंड में जमा किया जाता है, जिसमें सरकार भी उतना ही योगदान देती है। एक कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय अर्जित राशि का 60 प्रतिशत भुगतान किया जाता है और शेष 40 प्रतिशत से अधिक पेंशन का भुगतान किया जाता है, जिसका उपयोग वार्षिकी खरीदने के लिए किया जाता है।
इस मुद्दे पर अपनी चर्चा जारी रखेंगे- हजारिका
सरकार की तरफ से बोलते हुए पीयूष हजारिका ने कहा कि जिन लोगों की सेवा के 30-32 साल बचे हैं, उन्हें एनपीएस के तहत लाभ होगा। शायद, कम सेवा शर्तों वाले लोगों को कुछ समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री अजंता नियोग ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने वाले संगठनों के साथ बैठक की है, मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
साथ ही उन्होंने सदन में कहा कि हम इस मामले पर अपनी चर्चा जारी रखेंगे। पीयूष हजारिका ने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री पहले ही ओपीएस को वापस लाने की मांग पर कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चुके हैं।