शास्त्रीय एवं लोक संगीत की साधिका प्रो. कमला श्रीवास्तव नहीं रहीं। रविवार रात 92 वर्ष की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन पर साहित्य एवं संगीत जगत में शोक की लहर है। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं। निधन की सूचना मिलने पर सोमवार सुबह से ही उनके आवास पर लोगों का जुटना आरम्भ हो गया।
अपने जीते-जी प्रो. कमला श्रीवास्तव दीदी ने देहदान की इच्छा व्यक्त की थी। मध्याह्न में उनका पार्थिव शरीर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ को सौंप दिया गया। इसके पूर्व साहित्यकार पद्मश्री डा. विद्या विन्दु सिंह, वरिष्ठ लोक गायिका पद्मा गिडवानी, विमल पन्त, लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी, डा. पूनम श्रीवास्तव, नीरा मिश्रा, रेखा अग्रवाल, नीलम वर्मा, इन्दु सारस्वत, अर्चना गुप्ता, मधु श्रीवास्तव, कनक वर्मा, ज्योति किरन रतन सहित संगीत, कला और साहित्य से जुड़े लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किये और सजल नयन के साथ भजन गाते हुए संगीत विदुषी को विदाई दी। इसी के साथ राजधानी लखनऊ से संगीत के एक युग का अवसान हुआ। वे अपने पीछे पुत्र रवीश, पुत्रवधू डा. रुपाली और पौत्री रवीशा को छोड़ गयी हैं।