रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर 29 फरवरी 2024 के बाद काम करने पर रोक लगा दी है। अब इसे लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ‘रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक को प्रतिबंधित कर दिया है और 29 फरवरी के बाद उसका कोई अस्तित्व नहीं रहेगा। रिजर्व बैंक ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। साल 2017 से अनियमिताएं हो रहीं थी। जब आरबीआई ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए हैं तो फिर सीबीआई इस पर चुप्पी क्यों साधे हुए है?’
श्रीनेत ने आरोप लगाया कि ईडी के 95 प्रतिशत केस सिर्फ राजनेताओं के खिलाफ हैं। उन्होंने सवाल किए कि इतने सारे उल्लंघन के बावजूद पेटीएम को इतनी लंबी राहत क्यों दी जा रही है? मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर ईडी ने अब तक क्या कार्रवाई की है? पेटीएम ने भाजपा और पीएम केयर्स फंड में को कितना दान किया है?
29 फरवरी के बाद नहीं मिलेंगी पेटीएम पेमेंट बैंक की सेवाएं
रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक में मनी लॉन्ड्रिंग होने की आशंका जताई और साथ ही पेमेंट बैंक में सैंकड़ों करोड़ रुपये के लेनदेन होने पर भी चिंता जताई। यही वजह है कि आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट बैंक की सेवाओं पर 29 फरवरी के बाद रोक लगा दी है। फिलहाल पेटीएम की रिजर्व बैंक के साथ बात हो रही है। रिजर्व बैंक ने अनियमितताओं को दूर करने को कहा है। रिजर्व बैंक के प्रतिबंध के बाद पेटीएम के शेयरों में 40 फीसदी की गिरावट आयी है।
पेटीएम पेमेंट बैंक के कामकाज में मिलीं कई खामियां
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिजर्व बैंक को पेटीएम की केवाईसी में कई अनियमितताएं मिली हैं। आरोप है कि पेटीएम ने लाखों ग्राहकों की केवाईसी ही नहीं की थी। लाखों अकाउंट का पैन वैलिडेशन नहीं किया गया। कई ग्राहकों के लिए एक ही पैन कार्ड का इस्तेमाल हो रहा था। आरोप है कि कंपनी की तरफ से रिजर्व बैंक को कई बार गलत जानकारियां दी गईं। 31 जनवरी 2024 को रिजर्व बैंक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पेटीएम पेमेंट बैंक को नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी। साथ ही एक एक्सटर्नल टीम से सारे ऑडिट कराने की भी बात कही थी।