अमेरिकी खुफिया एजेंसी ‘सीआईए’ के इतिहास में वर्गीकृत जानकारी की अब तक की सबसे बड़ी चोरी और बाल यौन शोषण की तस्वीरें तथा वीडियो रखने के लिए पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर को दोषी ठहराया गया है। मैनहट्टन संघीय अदालत में 35 वर्षीय जोशुआ शुल्टे को इस जुर्म में 40 साल जेल की सजा सुनाई गई है। उसने 2017 में सीआईए की खुफिया सूचनाएं विकीलीक्स को लीक की थीं। जोशुआ शुल्टे 2018 से जेल में बंद है। शुक्रवार को मैनहट्टन संघीय कोर्ट के जज एम. फुरमैन ने सजा देते हुए कहा, हमें संभवतः कभी भी नुकसान की पूरी सीमा का पता नहीं चलेगा, लेकिन मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह अमेरिकी इतिहास में बहुत ज्यादा था।
वॉल्ट-7 लीक से पता चला कि कैसे सीआईए ने विदेशी जासूसी अभियानों में एपल और एंड्रॉयड स्मार्टफोन को हैक किया और इंटरनेट से जुड़े टीवी को सुनने वाले उपकरणों में बदलने का प्रयास किया। अपनी गिरफ्तारी से पहले शुल्टे ने वर्जीनिया के लैंगली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में एक कोडर के रूप में हैकिंग टूल बनाने में मदद की थी।
देश की सुरक्षा को गंभीर क्षति
जज फुरमैन ने कहा, शुल्टे ने कंप्यूटर पर एक छिपी हुई फाइल बनाकर सलाखों के पीछे से अपने अपराध जारी रखे। इनमें बाल यौन शोषण की 2,400 छवियां शामिल हैं। फुरमैन ने सीआईए के उप निदेशक डेविड कोहेन द्वारा सरकार को भेजे गए 1 पेज के पत्र का जिक्र भी किया, जिसमें शुल्टे के अपराधों को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा व सीआईए को गंभीर क्षति वाला बताया गया।
अमेरिका ने कीमत चुकाई
जज ने कहा, शुल्टे के कार्यों से सीआईए को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ। उसकी कोशिशों से अमेरिका के पास विरोधियों के खिलाफ विदेशी खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमता कमजोर हो गई। इसने सीआईए के कर्मियों, कार्यक्रमों व संपत्तियों को खतरे में डाल दिया। सीआईए की संचालन क्षमता भी कमजोर हुई। संक्षेप में, इन कार्यों से अमेरिका को भारी कीमत चुकानी पड़ी।
शुल्टे बोला-यह न्याय नहीं है
शुल्टे ने ज्यादातर ब्रुकलिन के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में कठोर परिस्थितियों के बारे में शिकायत की, अपने सेल को ‘मेरा यातना पिंजरा’ कहा। उसने कहा, अभियोजकों ने एक बार उसे सौदे की पेशकश की, लेकिन उसके तहत वह अपील नहीं कर सकता था। शुल्टे ने कहा, यह न्याय नहीं है।