सिकंदराराऊ के गांव सराय निवासी पप्पू सिंह के दो पुत्र, एक पुत्री और गर्भवती बहू की ग्रेटर नोएडा के तुसियाना में में मौत हो गई। चारों के शव एक बंद कमरे में पड़े मिले। चारों की एक साथ मौत की खबर से गांव में मातम छा गया। पप्पू सिंह का पूरा परिवार एक साथ खत्म हो गया, अब उनके बुढ़ापे का कोई भी सहारा नहीं रहा। 3 फरवरी देर शाम चारों के शव पोस्टमार्टम के बाद गांव में पहुंच सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पप्पू सिंह गांव में मजदूरी करता है। उनका एक पुत्र चंद्रेश, उसकी पत्नी निशा, दूसरा पुत्र राजेश व बहन बबली ग्रेटर नोएडा में रहते थे। वहां पर चंद्रश जोमेटो कम्पनी में सेल्समैन का कार्य करता था और राजेश परांठे की ढकेल लगाया करता था। पत्नी निशा और बहन बबली काम में हाथ बंटातीं थीं। माना जा रहा है कि 31 जनवरी की रात परांठों के लिये आलू उबालने के लिये गैस पर रखे गये। उसके छत्तीस घण्टे बाद जब मकान मालिक पवन सिंह ने देखा कि चारों लंबे समय से बाहर नहीं आये। कमरे से बुदबू आ रही थी। शक के आधार पर पुलिस को बुलाया गया।
कमरा खोला गया, तो चारों कमरे में मृत पड़े हुए थे। मकान मालिक ने बताया कि रोजाना रात में ये लोग आलू उबालते थे। घटना वाली रात शायद ये लोग सो गए। किसी कारण आलू उबलने के बाद गैस पाईप में छेद होने से गैस का रिसाव हो गया हो। उम्मीद जताई जा रही है कि चारों की इसी दौरान दम घुटने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि निशा को आठ माह का गर्भ था, उसके पेट में बच्चे की भी मौत हो गई।
रात में ही घटना की सूचना गांव में आई। चारों के मौत की सूचना से परिवार में मातम छा गया। प्रधान सत्यप्रकाश यादव ने बताया कि कई वर्ष से चारों गांव में रोजगार न होने के कारण नोडा में कार्य करते थे। पोस्टमार्टम के बाद चारों के शव का इंतजार हो रहा है। घर पर परिवार और गांव वालों के आंसू नहीं रूक रहे।