संपदा निदेशालय (डीओई) के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को वापस लेने की दिल्ली हाईकोर्ट ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को अनुमति दे दी है। बता दें डीओई ने नोटिस में महुआ मोइत्रा को सांसद रहने के दौरान आवंटित सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा था। लोकसभा से निष्कासन के बाद डीओई ने मोइत्रा को नोटिस जारी किया था। मोइत्रा के वकील ने कहा कि अब इस याचिका का अस्तित्व नहीं रहा है। यह पूरी तरह से निरर्थक हो गई है। क्योंकि मामले में सुनवाई से पहले ही उन्होंने अपना आवंटित सरकारी आवास को खाली कर दिया है। डीओई ने मोइत्रा को बंगला खाली करने का नोटिस 16 जनवरी को जारी किया गया था।
अब याचिका का कोई महत्व नहीं है- याचिकाकर्ता
मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सचिन दत्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पहले ही कहा है कि उन्होंने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है। याचिकाकर्ता द्वारा याचिका वापस ली गई, यह मानते ही इसे खारिज किया जाता है। हाईकोर्ट द्वारा मोइत्रा को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार करने के बाद उन्होंने 19 जनवरी को आवंटित बंगले को खाली कर दिया था। गौरतलब है कि मोइत्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि चिकित्सा आधार पर उन्हें आवंटित सरकारी आवास को खाली न करवाया जाए। उन्होंने दावा किया था कि वह एक अकेली महिला है। दिल्ली स्थिति अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
क्या है मामला
पिछले वर्ष आठ दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित की गईं मोइत्रा को पहले आवंटन रद्द होने के बाद सात जनवरी तक घर खाली करने के लिए कहा गया था। बता दें मोइत्रा पर रिश्वत के जरिए सवाल पूछने का आरोप था, जिसके कारण उन्हें अपनी लोकसभा की सदस्यता को गंवाना पड़ा था।