मथुरा के वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन कराने और भीड़ नियंत्रण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था को अमल में लाने के साथ मंदिर की आंतरिक व्यवस्था में बदलाव की कवायद में जुटा है। इन बिंदुओं को लेकर बृहस्पतिवार को पर्यटक सुविधा केंद्र (टीएफसी) में डीएम एवं एसएसपी ने सेवायतों के साथ बैठक की। सेवायतों ने इन बिंदुओं पर सहमति जताई है, लेकिन बिना न्यायालय की अनुमति इसे लागू नहीं किया जा सकता। ऐसे में प्रशासन अब न्यायालय में अपना पक्ष रखेगा।
डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन कराने के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं। इनमें वन-वे रूट के साथ बैरिकेडिंग में श्रद्धालुओं को कतारबद्ध दर्शन कराने की योजना भी शामिल है, लेकिन भीड़ को नियंत्रण करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था लागू करना जरूरी है। इसकी योजना बना ली गई है। इसके अलावा जिला प्रशासन ने सेवायतों को बांकेबिहारी के दर्शन के समय में बढ़ोतरी और ठाकुरजी को मंदिर के जगमोहन में विराजित करने की योजना पर सुझाव लिए।
सेवायतों ने प्रशासन की तीनों योजनाओं पर सहमति जताते हुए मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन से इसकी अनुमति लेने की बात कही। सेवायत दिनेश गोस्वामी, रजत गोस्वामी ने कहा कि मंदिर प्रबंध कमेटी गठित नहीं है और वर्तमान में हर व्यवस्था मथुरा मुंसिफ कोर्ट के निर्देशन में चल रही है। ऐसे में न्यायालय की अनुमति के बिना कोई भी नई व्यवस्था लागू नहीं की जा सकती है। इस पर डीएम और एसएसपी ने दोनों पक्षों से एकराय होकर सिविल जज जूनियर डिवीजन से सहमति लेने की बात कही।
प्रति घंटा पांच हजार श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
डीएम ने बताया कि एप में निशुल्क ऑनलाइन बुकिंग कराने के लिए समय अनुसार स्लॉट होंगे। पांच हजार श्रद्धालुओं का प्रति घंटे का स्लाॅट बनाने की योजना बनाई जा रही है। सेवायतों के साथ सहमति बनाकर हम अदालत के समक्ष अपना प्रस्ताव रखेंगे, ताकि व्यवस्था लागू कराने में सहायता मिल सके।
एचडीएफसी बैंक दिया प्रस्तुतिकरण
बैठक में बांकेबिहारी के दर्शन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण व्यवस्था का संचालन करने के लिए एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर हैड गिरिराज अग्रवाल ने प्रजेंटेशन दिया। इसमें बताया कि श्रद्धालु वृंदावन में अपना वाहन खड़ा करने के बाद टीएफसी, मल्टीलेवल पार्किंग एवं दारुक पार्किंग पर बनाई गई विंडो पर ऑफलाइन पंजीयन करा सकता है। इसके अलावा वेबसाइट पर जाकर और मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकता है। इस में समय के अनुसार स्लॉट बनाए गए हैं। एक समय में पांच हजार श्रद्धालुओं के पंजीकरण की व्यवस्था है। पंजीकरण चैक करने के लिए मंदिर के प्रवेश द्वारों पर कर्मचारी तैनात रहेंगे, जो कि क्यूआर कोड के जरिए पता लगा सकेंगे कि पंजीकरण सही है या गलत। उसके बाद ही मंदिर में प्रवेश देेंगे। बैठक में एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय, एसपी सिटी डाॅ. अरविंद कुमार, विप्रा सचिव राजेश कुमार, अपर नगर आयुक्त क्रांतिशेखर सिंह, सीओ सदर प्रवीण मलिक, मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा, उमेश सारस्वत एवं बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत गोपी गोस्वामी, भीकचंद्र गोस्वामी, बच्चू गोस्वामी, मनोज गोस्वामी, प्रहलादवल्लभ गोस्वामी आदि मौजूद रहे।
31 जनवरी को सुनवाई
बांकेबिहारी मंदिर प्रबंध कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष रजत गोस्वामी ने बताया कि बांकेबिहारी के दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था पर पहले ही सहमत थे। जिला प्रशासन ने बैठक में सुझाव लिए हैं, लेकिन उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका लंबित है। इसकी अगली सुनवाई 31 जनवरी को है। मंदिर में अंदर किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए न्यायालय से सहमति लिया जाना जरूरी है।