नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने अयोध्या में राम मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ‘गौरवपूर्ण’ क्षण बताया। उन्होंने कहा कि भगवान राम और देवी सीता साहस, त्याग, न्याय और धार्मिकता का प्रतीक हैं। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि वे भारत और नेपाल के बीच गहरे सांस्कृतिक और सभ्यतागत जुड़ाव का प्रतीक हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘जय श्री राम! माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन और आज पवित्र प्राण प्रतिष्ठा समारोह का समापन सनातन धर्म के सभी अनुयायियों के लिए गर्व का क्षण है। मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम और नेपाल की बेटी माता सीता, ‘वेसाहस, बलिदान, न्याय और धार्मिकता के प्रतीक थे।
अयोध्या की तरह भक्तों ने जनकपुर में भी मनाया उत्सव
बता दें कि देवी सीता के गृह नगर जनकपुर में भक्तों ने 2.5 लाख तेल के दीपक जलाए। वह प्राचीन शहर जहां देवी सीता के पिता राजा जनक शासन करते थे। उन्होंने कई सप्ताह पहले से ही उत्सव की तैयारी शुरू कर दी थी। दामाद की घर वापसी का जश्न मनाते हुए शहर दीपों और रंग-बिरंगी सजावट से जगमगा रहा है। स्थानीय समूहों ने दीया, पाला, तेल और कपास के लैंप जैसी सभी आवश्यक और संभावित वस्तुओं को इकट्ठा करने के लिए एक अभियान शुरू किया था।
रंगोली से भी की सजावट
इसके अलावा फूलों और सिन्दूर पाउडर का उपयोग करके जय सियाराम लिखी रंगोली भी बनाई गई थी। ड्रोन द्वारा कैप्चर किए गए दृश्यों में, पृष्ठभूमि में जानकी मंदिर और भक्तों से घिरे 2.5 लाख तेल-आधारित दीपक की रोशनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली लग रही थी।
सभी दीपकों को जलाने और विहंगम दृष्टि से दिखाई देने वाली चमक तक पहुंचने में लगभग एक घंटे का समय लगा। इससे पहले दिन में, अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की स्क्रीनिंग के साथ-साथ प्राचीन शहर में रैलियां और जश्न कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।समारोह में जनकपुर के मुख्य महंथ छोटे महंथ के साथ शामिल हुए थे।