आजादी की जंग में प्रमुख भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को मनाई जाती है। इस वर्ष 23 जनवरी 2024 को उनकी 126वीं जयंती मनाई जा रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका पूरा जीवन ही साहस व पराक्रम का उदाहरण है। उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बंगाली परिवार में जन्में सुभाष चंद्र बोस ने इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की और भारतीय प्रशासनिक सेवा की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। इस परीक्षा में चौथा स्थान हासिल करके उन्होंने भारत का मान बढ़ाया था। हालांकि उन्हें अंग्रेजों की गुलामी मंजूर नहीं थी इसलिए भारतीय प्रशासनिक सेवा को बीच में ही छोड़कर वह भारत आ गए।
बाद में आजादी की जंग में शामिल हो गए और आजाद हिंद फौज, आजाद हिंद सरकार और बैंक की स्थापना की। इसके साथ ही 10 देशों का आजाद हिंद सरकार व बैंक के लिए समर्थन भी हासिल किया। सुभाष चंद्र बोस ने ही सबसे पहले महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था।
उनका साहसिक जीवन हर युवा के लिए प्रेरणा है। ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’ जैसा नारा देकर उन्होंने हर भारतीय के रक्त को जोश और ऊर्जा से बना दिया। सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर पढ़िए उनके दिए ऐसे क्रांतिकारी विचारों के बारे में जो युवाओं को ऊर्जा और जोश से भर देंगे।
अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है।
याद रखिए सबसे बड़ा अपराध, अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।
उच्च विचारों से कमजोरियां दूर होती हैं। हमें हमेशा उच्च विचार पैदा करते रहना चाहिए।
जिसके अंदर ‘सनक’ नहीं होती, वह कभी महान नहीं बन सकता।
संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमें आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले मुझमें नहीं था।
अगर जीवन में संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े तो जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है
आशा की कोई न कोई किरण होती है, जो हमें कभी जीवन से भटकने नहीं देती
कभी झुकने की नौबत आ जाए तो वीरों की तरह झुकना
सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है। इसलिए किसी को भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए।
जो फूलों को देखकर मचलते हैं, उन्हें कांटे भी जल्दी लगते हैं