अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब देश के करोड़ों घरों के मंदिरों का स्वरूप भी बदलने वाला है। दरअसल अयोध्या में विराजे श्यामवर्ण वाले प्रभु राम के बाल स्वरूप की मूर्तियों की देश और दुनिया में अचानक मांग बढ़ गई है। राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र के काष्ठ शिल्पकारों से लेकर पत्थर पर मूर्तियों को उकेरने वालों के पास अब तक 10 लाख से ज्यादा स्वरूप के ऑर्डर पहुंच चुके हैं। काष्ठ शिल्पकारों के समूह समेत राजस्थान और तमिलनाडु में श्याम वर्ण की मूर्तियों को बनाने के ऑर्डर पहुंच रहे हैं। ये आर्डर सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों से भी शिल्पकारों के पास पहुंच रहे हैं।
अभी तक देश के घरों में राम की मूर्ति या तस्वीरों में राजा रवि वर्मा की बनाई तस्वीर ज्यादा होती थी। अयोध्या में सोमवार को प्रभु राम के बाल स्वरूप की स्थापना होने के बाद श्यामवर्ण की आभूषणों से सजी प्रतिमा की देश और दुनिया में मांग बढ़ गई है। भारतीय व्यापार मंडल से जुड़े अखिल भारतीय शिल्पकार महासंघ के शिल्पी श्यामचरण कहते हैं कि उनके पास प्रभु राम के बाल स्वरूप की श्याम वर्ण प्रतिमा के बीते तीन दिनों से सबसे ज्यादा आर्डर मिल रहे हैं। वह कहते हैं कि उनके संगठन से जुड़े देश के प्रत्येक हिस्से के शिल्पकारों और काष्ठकारों के पास लाखों की संख्या में प्रभु राम के बाल स्वरूप को निर्मित करने के आर्डर मिल चुके हैं। उनका कहना है कि जिस दिन से प्रभु राम के नए स्वरूप के दर्शन दुनिया को हुए थे, उसके बाद से ही लगातार उनके पास नए स्वरूप की डिमांड बढ़ गई है।
अखिल भारतीय शिल्पकार संगठन के श्यामचरण का कहना है कि अभी तक वह और उनके संगठन से जुड़े लोग राम मंदिर की प्रतिकृति को तैयार कर रहे थे। इसके अलावा वह काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृति भी बना रहे थे। उनका कहना है कि अगस्त 2020 के बाद से लेकर अब तक उनके संगठन से जुड़े कलाकारों ने करोड़ों प्रतिकृतियां तैयार कर देश और दुनिया में लोगों के घरों में पहुंचाई हैं। अब सबसे ज्यादा मांग प्रभु राम के श्यामवर्ण वाले बाल स्वरूप की हो रही है। वह बताते हैं कि तीन दिन में उनके संगठन के पास तकरीबन 10 लाख से ज्यादा मूर्तियों की मांग आ चुकी है। इसके अलावा प्रभु राम की यही प्रतिमा मेटल में भी बनकर आने वाली है। लुधियाना में वर्षों से कृष्ण और राम समेत तमाम भगवान की प्रतिमाएं बनाने वाले जसपाल इंडस्ट्रीज के हरप्रीत कंग कहते हैं कि निश्चित तौर पर प्रभु राम की यही प्रतिमा सबसे ज्यादा चलन में आने वाली है। उन्होंने इसकी पूरी तैयारी कर ली है।
वह कहते हैं कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम विग्रह की स्थापना के बाद यह आंकड़ा और बढ़ने वाला है। उनका अनुमान है कि इस सप्ताह तक 50 लाख से ज्यादा प्रतिमाएं सिर्फ उनके संगठन से जुड़े लोग तैयार करेंगे। बहुत से शिल्पकार और काष्ठकार ऐसे हैं, जो संगठन से नहीं जुड़े हैं, वह लोग भी इस तरीके के लाखों की संख्या में स्वरूप तैयार कर रहे हैं। भारतीय व्यापार मंडल से ताल्लुक रखने वाले अखिल भारतीय शिल्पकार महासंघ के कलाकार अब करोड़ों की संख्या में प्रभु राम के इस स्वरूप को निर्मित करने वाले हैं।
अखिल भारतीय सनातन ब्राह्मण महासभा के संरक्षक पंडित प्रदीप तिवारी कहते हैं कि अयोध्या में विराजे रामलला के बाल स्वरूप को निश्चित तौर पर अब घरों में रखा जाएगा। वह कहते हैं कि देश और दुनिया के करोड़ों घरों में अभी तक जो भगवान राम की तस्वीर होती थी, उसमें ज्यादातर राजा रवि वर्मा की बनाई गई तस्वीर बहुतायत में थी। लेकिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस श्यामवर्ण प्रभु राम के बाल स्वरूप की पूजा की है, वह अब ज्यादातर घरों में विराजमान होंगे। पंडित प्रदीप तिवारी कहते हैं कि उनके पास बहुत से लोगों ने इस बाबत पूछा भी है और उन्होंने इस स्वरूप को मंदिर में स्थापित करने की सलाह भी दी है। वह बताते हैं कि आने वाले दिनों में देश दुनिया के करोड़ों घरों में प्रभु राम की जो मूर्ति विराजित होने वाली हैं, उसमें अयोध्या के बाल स्वरूप वाली श्याम वर्ण मूर्ति होगी।
सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में बसे भारतीय समुदाय के लोगों ने अपने घरों में अयोध्या के प्रभु राम की मूर्ति को स्थापित करने के लिए भी ऑर्डर देने शुरू कर दिए हैं। अमेरिका के न्यू जर्सी में इंडियन मार्केट में पूजापाठ की सामग्री बेचने वाले अंकुश पटेल कहते हैं कि बीते तीन साल में दस हजार से ज्यादा राम मंदिर की प्रतिकृतियों को भारत से ऑर्डर कर मंगवा चुके हैं। अंकुश कहते हैं कि सोमवार को अयोध्या में प्रभु राम के जिस स्वरूप को स्थापित किया गया है, अब उसकी डिमांड बढ़ने वाली है। इसी वजह से उन्होंने महाराष्ट्र, तमिलनाडु और राजस्थान में अलग-अलग मूर्तिकारों से प्रभु राम के इस स्वरूप को बनवाने के लिए ऑर्डर भी दिया है। यह ऑर्डर काली लकड़ी और काले पत्थर पर बनवाया जा रहा है। इसके अलावा कुछ ऑर्डर मेटल में भी लुधियाना समेत मुरादाबाद की इंडस्ट्री को दिया जाना है।