भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। दरअसल ऐसी खबरें चल रही हैं कि आडवाणी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या नहीं जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा बताया जा रहा है कि ठंडे मौसम की वजह से वह अयोध्या नहीं जा रहे हैं। राम मंदिर ट्रस्ट ने राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे लालकृष्ण आडवाणी के साथ राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी को भी आमंत्रित किया है। हालांकि बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को देखते हुए इन दोनों दिग्गजों के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने की स्पष्ट जानकारी नहीं थी।
लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में ही निकाली गई थी राम रथयात्रा
लालकृष्ण आडवाणी 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के अगुआ रहे थे। उन्हीं के नेतृत्व में साल 1990 में भाजपा ने गुजरात के सोमनाथ से राम रथयात्रा शुरू की थी। ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ के नारे से लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन को आम जनमानस में चर्चित कर दिया था। यही वजह रही कि विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार और अन्य पदाधिकारी खुद लालकृष्ण आडवाणी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता देने उनके आवास गए थे।
आज भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है। एक समय भाजपा के लोकसभा में सिर्फ दो सांसद थे, लेकिन राम मंदिर आंदोलन और लालकृष्ण आडवाणी द्वारा निकाली गई रथयात्रा से भाजपा ने देश की आम जनता के बीच ऐसी जगह बनाई कि आज वह देश की सबसे बड़ी और सबसे ताकतवर राजनीतिक पार्टी है।