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दमिश्क में इमारत पर इस्राइल का मिसाइल हमला, ईरान से जुड़े नेताओं की चल रही थी बैठक; पांच की मौत

गाजा में हमास के साथ जंग के अलावा इस्राइल कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है। एक ओर जहां हिजबुल्लाह लेबनान की ओर से उसके उत्तरी हिस्से को निशाना बना रहा है। वहीं दूसरी ओर, लाल सागर में हूती विद्रोहियों के व्यापारिक जहाजों पर हमले जारी हैं। इस बीच, इस्राइली बलों ने सीरिया में एक इमारत पर हमला किया है। इस इमारत में कथित तौर पर ईरान से जुड़े नेताओं की बैठक हो रही थी। हमले में कम से कम पांच लोगों की मौत की खबर है।

चार मंजिला आवासीय इमारत को बनाया निशाना: मानवाधिकार समूह
सीरिया में मानवाधिकारों की निगरानी करने वाले एक समूह ने समाचार एजेंसी ‘एएफपी’ को बताया, ‘सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक इस्राइली मिसाइल से चार मंजिला इमारत को निशाना बनाया गया है। जिसमें पांच लोग मारे गए हैं। इमारत में ईरान से जुड़े नेताओं की बैठक चल रही थी।’ समूह ने सीरिया के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा कि जहां इमारत को निशाना बनाया गया है, वह उच्च सुरक्षा वाला इलाका है। यह ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड और ईरान समर्थक फलस्तीनी गुटों के नेताओं का गढ़ है। मानवाधिकार समूह के निदेशक रामी अब्देल ने बताया कि उन्होंने (इस्राइल) निश्चित रूप से ईरान समर्थित समूहों के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया है।

पूरी तरह से नष्ट हुई इमारत
समाचार एजेंसी ‘सना’ ने बताया कि इस्राइल ने दमिश्क के मजेह इलाके में आवासीय इमारत को निशाना बनाया है। मजेह क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय, दूतावास और रेस्तरां हैं। एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि इस्राइली मिसाइलों ने पूरी इमारत को नष्ट कर दिया और हमले में दस लोग या तो मारे गए या घायल हो गए। सीरिया में गृह युद्ध के दौरान एक दशक तक इस्राइल ने सैकड़ों बार हवाई हमले किए हैं। जिनमें ज्यादातर हमले ईरान समर्थित बलों को निशाना बनाकर किए गए थे।

पिछले साल शुरू हुआ था इस्राइल-हमास युद्ध
इस्राइल और हमास के बीच बीते साल सात अक्तूबर युद्ध शुरू हुआ था। इस्राइली हमलों में 20 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। हमास ने पिछले साल अक्तूबर में एक साथ दक्षिण इस्राइल से हमले की शुरुआत की थी।आतंकवादी समूह ने एक साथ सैकड़ों मिसाइल दागी थीं। इन हमलों में 1200 से ज्यादा इस्राइली नागरिक मारे गए थे।जबकि, सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया था। इन बंधक बनाए गए लोगों में आधे से ज्यादा अभी भी हमास के कब्जे में हैं।