आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को सभी जातियों की गणना के लिए अपनी व्यापक जाति जनगणना शुरू कर दी है। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सी. श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्ण ने बताया कि जनगणना 19 जनवरी से 10 दिनों के लिए निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा, ‘जातीय जनगणना एक चरण में केवल दस दिनों के लिए ही आयोजित है। जरुरत पड़ने पर इसे चार से पांच दिनों के लिए आगे बढ़ाया भी जा सकता है।’ मंत्री ने बताया कि जनगणना के लिए वॉलंटियर प्रत्येक घरों में जाएंगे। बिहार के बाद आंध्र प्रदेश जातीय जनगणना करने वाला दूसरा राज्य है।
जनगणना की पूरी प्रक्रिया फरवरी तक पूरी होगी
श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्ण ने कहा कि ग्राम सचिवालय प्रणाली के अधिकारी अंतिम रिकॉर्ड बनाने से पहले वॉलंटियर द्वारा दी गई जानकारी की जांच करेंगे। प्रत्येक वॉलंटियर 50 घरों में जनगणना के लिए जाएंगे। उन्होंने बताया जनगणना की पूरी प्रक्रिया 15 फरवरी तक पूरी हो जाएगी। वाईएसआरसीपी सरकार ने जाति जनगणना को एक प्रमुख लक्ष्य के तौर पर निर्धारित किया है। उनका मानना है कि यह लोगों के जीवन स्तर को बदल सकता है।
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने बताया कि कई ऐसी जातियां है जो सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते है, इससे उन्हें मदद मिलेगा। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से ही भारत में जाति जनगणना नहीं हुई है। केवल जनसंख्या जनगणना हुई है। बता दें कि जाति जनगणना की शुरुआत में केवल 139 पिछड़े वर्गो (बीसी) समुदायों को शामिल करने की घोषणा की गई थी। लेकिन अब इसके दायरे में आंध्र प्रदेश की सभी जातियाँ शामिल हैं।