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स्विट्जरलैंड रेलवे के साथ मिलकर काम करेगा भारतीय रेलवे, रेल मंत्री बोले- बहुत कुछ सीख सकते हैं

भारतीय रेलवे, स्विट्जरलैंड रेलवे भविष्य में साथ मिलकर काम कर सकते हैं। दरअसल भारतीय रेलवे, स्विट्जरलैंड के रेलवे के साथ एमओयू करने की योजना पर काम कर रहा है। भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक से इतर अश्विनी वैष्णव ने एक इंटरव्यू में बताया कि स्विट्जरलैंड रेलवे की कई चीजें ऐसी हैं, जिनसे हम सीख सकते हैं।

स्विस रेलवे की इन चीजों से प्रभावित हुए रेल मंत्री
रेल मंत्री ने कहा कि मेरी स्विस रेलवे के अधिकारियों और नीति निर्माताओं के साथ बैठक हुई। साथ ही मैं उनके केंट्रोल सेंटर भी गया। उन्हें सुरंग बनाने की तकनीक का अच्छा अनुभव है। दुनिया की सबसे लंबी रेल सुरंग भी स्विट्जरलैंड में ही है। साथ ही वहां ट्रैक तकनीक, ट्रैक की बनावट भी बहुत अच्छी है। सबसे अच्छी बात मैंने वहां ये देखी कि उनका पूरा नेटवर्क हब और स्पोक डिजाइन पर आधारित है।

स्विस तकनीक के मुरीद हुए वैष्णव
रेल मंत्री ने स्विट्जरलैंड रेलवे की हब और स्पोक ने नेटवर्क की तारीफ की। उन्होंने बताया कि राजधानी ज्यूरिख में स्विस रेलवे का हब है, तो वहां एक ही समय पर कई ट्रेनें आती हैं और कई ट्रेनें एक ही समय पर रवाना होती हैं। इससे फायदा ये होता है कि अगर किसी को ट्रेन बदलनी है तो वह आराम से हब स्टेशन से दूसरी ट्रेन बदल सकता है। स्विट्जरलैंड में ऐसे ही छह हब स्टेशन हैं, जिन्हें कई स्पोक नेटवर्क से कनेक्ट किया गया है।

भारत में जो रेलवे का स्ट्रक्चर है, उसमें रेल यात्रा की शुरुआत से लेकर गंतव्य स्टेशन तक ट्रेनें संचालित होती हैं। जबकि स्विट्जरलैंड में हब स्टेशन से किसी भी गंतव्य के लिए ट्रेन बदली जा सकती है। रेल मंत्री ने ये भी बताया कि स्विट्जरलैंड में ट्रेनों, बसों और मेट्रों आदि की इंटर कनेक्टिविटी बहुत बेहतर है, जिसकी वजह से लोग किसी भी माध्यम का इस्तेमाल कर यात्रा कर सकते हैं। स्विट्जरलैंड से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। यही वजह है कि हम स्विस रेलवे के साथ मिलकर एमओयू करने पर विचार कर रहे हैं ताकि भारत में भी रेलवे में सुधार किए जा सकें।