तमिलनाडु के नीलगिरि में तापमान में गिरावट के कारण लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर खेती पर भी दिखने लगा है। हरे-भरे लॉन पाले से भरे हुए हैं। इस भीषण ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है।
नीलगिरि में पड़ी बेमौसम ठंड
आधिकारिक डेटा के अनुसार, उधगमंडलम के कंथाल और थलाईकुंठा में तापमान गिरकर एक डिग्री पर पहुंच गया है। वहीं बोटानिकल गार्डेन में पारा दो डिग्री सेल्सियस पर था। स्थानीय लोग और पर्यावरण कार्यकर्ता इस बेमौसम ठंड को लेकर काफी चिंतित हैं।
नीलगिरि पर्यावरण सामाजिक ट्रस्ट के वी. शिवदास ने इस बेमौसम ठंड का कारण ग्लोबल वॉर्मिंग को बताया है। उन्होंने कहा, ‘ठंड की शुरुआत में देरी हो रही है और इस तरह से होने वाले जलवायु परिवर्तन नीलगिरि के लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती है। यहां बड़े पैमाने पर होने वाले चाय बागान को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।’
चाय की खेती हो रही प्रभावित
एक स्थानीय चाय श्रमिक संघ के सचिव ने कहा, ‘दिसंबर में भारी बारिश और कड़ाके की ठंड से चाय की खेती प्रभावित हो रही है।’ यह आने वाले समय में उत्पादन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। सब्जी उत्पादक किसानों का कहना है कि इस मौसम का असर खास तौर पर गोभी पर पड़ रहा है।’ एक सरकारी ने बताया कि इस मौसम में काम के लिए सुबह निकलना मुश्किल हो रहा है। इस मौसम में दो पहिया वाहन चलाना भी मुश्किल है। सांस लेने में परेशानी हो रही है और सिर दर्द की शिकायत भी हो रही है। लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं।