22 जनवरी को भगवना राम मंदिर में विराजमान करेंगे और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ने लोगों से अपील की है कि वो इस आयोजन को लेकर एक शॉर्ट फिल्म (लघु वीडियो) बनाकर अपने विचार और भावनाओं को व्यक्त करें। ट्रस्ट ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को भी कहा है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ने एक्स पर एक पोस्ट लिख जानकारी दी है कि प्रभु श्री राम अपनी जन्मस्थली पर पांच शताब्दियों के पश्चात पुन: पधार रहे हैं। इस पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए सम्पूर्ण ब्रह्मांड उत्सुकता से प्रतीक्षा में है। प्रभु श्री राम के स्वागत की भव्यता को बढ़ाने के लिए, हम दुनिया भर के सभी रामभक्तों से एक लघु वीडियो के माध्यम से इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में अपने विचार और भावनाएं व्यक्त करने का आग्रह करते हैं। आप ये वीडियो अपने पूरे नाम, जगह और संक्षिप्त व्यक्तिगत नोट के साथ #ShriRamHomecoming लिखकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर सकते हैं। आईए, सभी मिलकर सामूहिक रूप से एकता के सबसे बड़े सूत्रधार भगवान श्रीराम के आगमन का उत्सव मनाएं।
धार्मिक अनुष्ठानों और विधियों का कार्यक्रम शुरू
बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस अवसर को विशेष और ऐतिहासिक बनाने के लिए यहां भव्य तैयारियां की जा रही हैं। राम मंदिर के उद्घाटन के एक सप्ताह पहले ही धार्मिक अनुष्ठानों और विधियों का कार्यक्रम शुरू हो चुका है। उद्घाटन समारोह के अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो गए हैं और अगले सात दिनों तक 22 जनवरी तक जारी रहेंगे।
दोपहर 12:20 बजे प्रारंभ होगा प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे प्रारंभ होगा। प्राण प्रतिष्ठा की यह पूजा 40 मिनट तक चलेगी। इसके बाद करीब 75 मिनट पीएम मोदी, सीएम योगी, संघ प्रमुख मोहन भागवत संदेश देंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास आशीर्वाद देंगे।
अरुण योगीराज की मूर्ति बिराजेगी
कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति रामलला के दरबार में विराजेगी। अरुण रोजाना 18 घंटे काम करते थे, करीब सात महीने में उन्होंने रामलला की अचल मूर्ति गढ़ी है। रोजाना काम शुरू करने से पहले राम जी की आरती-पूजा व हनुमान चालीसा का पाठ करते थे। 15-15 दिन तक परिवार से बात नहीं करते थे। सात महीने के कठिन परिश्रम के रामलला की मूर्ति बनकर तैयार हुई है। अरुण योगीराज मूलत: कर्नाटक के मैसूर से हैं। उनके परिवार में एक से बढ़कर एक मूर्तिकार रहे हैं। उनकी पांच पीढि़यां मूर्ति बनाने या तराशने का काम कर रही हैं।
चयनित मूर्ति की विशेषताएं
- -श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है, यह जल रोधी होती है।
- -चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी।
- -पैर की अंगुली से ललाट तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है।
- -चयनित मूर्ति का वजन करीब 150 से 200 किलो है।
- -मूर्ति के ऊपर मुकुट व आभामंडल होगा।
- -श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं।
- -मस्तक सुंदर, आंखे बड़ी और ललाट भव्य है।
- -कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर व धनुष होगा।
- -मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलकेगी।