देश की लगभग नौ प्रतिशत आबादी वाले आदिवासी समाज के लिए लोकसभा में 47 सीटें आरक्षित हैं। 2014 में भाजपा ने इनमें से 27 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2019 के चुनाव में यह संख्या 31 हो गई थी। भाजपा अपने इस प्रदर्शन को सुधारना चाहती है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी माह में झारखंड-गुजरात में दो रैलियों को संबोधित कर सकते हैं। आदिवासी समाज को ध्यान में रखते हुए आयोजित किए जाने वाले इस सम्मेलन के जरिए प्रधानमंत्री इन 47 सीटों पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे।
आदिवासियों को ध्यान में रखकर लागू की ये योजनाएं
केंद्र सरकार ने ‘पीएम जन मन योजना’ के जरिए आदिवासी समाज की स्थिति सुधारने के लिए विशेष अभियान चलाया था। इसके अंतर्गत नौ प्रमुख मंत्रालयों के द्वारा देश के 100 आदिवासी बहुल जिलों में आदिवासी समुदायों के बीच कैंप लगाकर उनके विकास के लिए कार्य करना था। इसके अंतर्गत सभी आदिवासियों का आधार कार्ड बनाना, जनधन खाते खुलवाना, आयुष्मान योजना और उज्ज्वला योजना का लाभ दिलाना, किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना, पात्र किसानों को प्रधानमंत्री आर्थिक सहायता योजना का लाभ दिलाना था। इसके लिए 24 हजार करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की गई थी।
जन मन योजना से मिली मदद
जनजातीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यह योजना काफी सफल रही है। सभी लक्षित जिलों में ज्यादातर आदिवासियों को केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिलाने में सफलता मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में इनका उल्लेख कर सकते हैं। वे पीएम जन मन योजना के लाभार्थियों से इन सम्मेलनों में मुलाकात भी कर सकते हैं। भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवराज बोध ने अमर उजाला से कहा कि आदिवासी समुदाय की परेशानियां बहुत अलग प्रकार की थीं। उन्हें हल करने के लिए विशेष प्रयास की आवश्यकता थी। इसे ध्यान में रखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम जन मन योजना की शुरुआत की थी। आज इस योजना के अंतर्गत देश के हर आदिवासी तक पहुंचने और उनकी परेशानियों को हल करने में मदद मिली है।