पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़- तृणमूल कांग्रेस (TMC) और केंद्रीय जांच एजेंसियों का टकराव अक्सर सुर्खियां बटोरता है। यह मामला टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी और ईडी की टीम पर कथित तौर से हुए जानलेवा हमले का है। इस मामले में ईडी और शाहजहां शेख एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। ताजा घटनाक्रम में कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीएमसी नेता की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी (FIR) पर रोक लगा दी है। अदालत ने प्रतिवादियों से 18 जनवरी तक जवाब दाखिल कर सुनवाई की अगली तारीख मुकर्रर की।
एफआईआर पर स्थगन आदेश पारित करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की पीठ ने कहा, ‘प्रतिवादी को अगले गुरुवार यानी 18 जनवरी तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। इसके माध्यम से अदालत के रिकॉर्ड पर केस डायरी लाई जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा, केस डायरी रिकॉर्ड पर लाए जाने के बाद अगर जरूरत पड़ती है तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को तैयार रहना होगा। पीठ ने अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता के बशीरहाट पुलिस के पास दर्ज FIR में शाहजहां शेख की तरफ से ईडी अधिकारियों पर छेड़छाड़, चोरी और मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बशीरहाट पुलिस ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC- नए कानून का नाम भारतीय न्याय संहिता या BNS) की अलग-अलग धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में जिक्र है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख के परिसर से 1,35,000 रुपये चोरी हो गए।