कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता ठुकराने पर भाजपा भड़क गई है। पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अब बहिष्कार पार्टी बन गई है। इन्होंने भगवान राम तक को काल्पनिक कहा था, जबकि महात्मा गांधी खुद राम-राज्य की कल्पना करते थे। भाजपा ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस अब गांधी की नहीं नेहरु की बन कर रह गई है। इन्होंने कुछ समय पहले ही कांग्रेस के नेता रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न सम्मान समारोह तक का बहिष्कार किया था।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, “कांग्रेस ने इससे पहले हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी और अब द्रौपदी मुर्मू जी के संसद में अभिभाषण का बहिष्कार किया। 2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया। मई 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था।
भाजपा ने कहा, “और तो और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी, जो इन्हीं की पार्टी के थे उनके भारत रत्न समारोह का भी कांग्रेस ने बहिष्कार कर दिया था। अभी कुछ महीने पहले उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया। जब GST लागू हुआ तो उसका भी बहिष्कार किया। G20 के समय दुनिया के सबसे शक्तिशाली 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए थे, उसमें भी महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए भोज का भी कांग्रेस ने बहिष्कार किया।”
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी अच्छे से अच्छे अनुष्ठान में विघ्न उत्पन्न करके संतोष प्राप्त करने वाली प्रवृत्ति की परिचायक कांग्रेस के साथ पता नहीं कौन सी समस्या है? भारत का इतिहास जब-जब करवट ले रहा होता है, तब-तब वो उस अवसर के साथ खड़े न होकर उसका बहिष्कार करते हैं।