यमुना नदी में एक बार फिर अमोनिया का स्तर बढ़ गया है। इस कारण दिल्ली जल बोर्ड के दो जल शोधक संयंत्र पूरी क्षमता से चलने बंद हो गए है। लिहाजा नई दिल्ली समेत करीब 30 प्रतिशत दिल्ली में सोमवार की शाम से पेयजल आपूर्ति होनी शुरू हो गई है और आगामी कई दिनों तक इन इलाकों में पेयजल संकट रहेगा। हालांकि दिल्ली जल बोर्ड ने इस समस्या पर जल्द काबू पाने के लिए हरियाणा के अधिकारियों से संपर्क साधा है।
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार हरियाणा के विभिन्न शहरों से यमुना नदी में अत्याधिक कचरा छोड़े जाने के कारण वजीराबाद बैराज में अमोनिया की मात्रा बढ़ गई है। यहां पर उच्च स्तर के प्रदूषक तत्व (तीन पीपीएम से अधिक अमोनिया) प्राप्त हुए हैं। ऐसे में वजीराबाद व चंद्रावल जल शोयक संयंत्र ने पूरी क्षमता से चलना बंद कर दिया है। ये दोनों संयंत्र 30 से 50 प्रतिशत कम क्षमता से चल रहे हैं। जल बोर्ड का कहना है कि बैराज में अमोनिया की मात्रा सामान्य न होने तक इन दोनों संयंत्रों से कम दबाव पर पेयजल आपूर्ति उपलब्ध होगी।
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, इन दोनों संयंत्रों से नई दिल्ली के तमाम इलाकों के साथ-साथ उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस, हिंदू राव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, जहांगीरपुरी, बुराड़ी और मध्य दिल्ली के करोल बाग, पहाड़गंज राजेंद्र नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, रामलीला मैदान, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क आदि इलाकों में पेयजल आपूर्ति की जाती है। इस कारण इन इलाकों में पेयजल संकट गहरा गया है।
बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के मद्देनजर हरियाणा के सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधा गया है। उनसे आग्रह किया गया है कि वह तत्काल यमुना नदी में रसायनिक कचरा डालने से रोकने दिशा में कदम उठाए। दरअसल हरियाणा के शहरों से बार-बार रसायनिक कचरा डालने के कारण नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ रही है। गत सप्ताह भी यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ी थी, मगर इस बार पिछली बार की तुलना में अमोनिया की मात्रा अधिक है।