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एसडीएम कार्यालय के बाहर किसान ने खुद को लगाई आग, 70 फीसदी जला शरीर, मेरठ के लिए किया रेफर

मेरठ के मवाना में एसडीएम कार्यालय के सामने एक किसान ने आत्मदाह का प्रयास किया। इससे वहां हड़कंप मच गया। वहीं, आनन-फानन किसान को सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां से मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया। सीएचसी के चिकित्सक डॉक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि किसान 70 फीसदी जल गया है। उसे मेरठ के लिए रेफर किया गया है। वहीं, वन विभाग पर किसान की फसल को जबरन जोतने का आरोप लगाया गया है।

ये है पूरा मामला

हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के अलीपुर मोरना गांव के समीप वन विभाग के कृष्ण वन ब्लॉक में विभाग की करीब तीन हेक्टेयर भूमि पर पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों द्वारा अवैध कब्जा था, जिस पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए भूमि को अपने कब्जे में ले लिया। डीएफओ राजेश कुमार के निर्देशन पर बृहस्पतिवार को वन विभाग के सर्वेयर विजेंद्र सिंह, रेजर रविकांत व स्थानीय लेखपाल सचिन तोमर, रोहित शर्मा, राजस्व निरीक्षक अग्रसेन, डिप्टी रेंजर मनोज कुमार सहित दर्जनों अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची थी। उन्होंने सरकारी भूमि पर वन विभाग का ट्रैक्टर चलाकर उसे कब्जा मुक्त कराया था।

क्षेत्रीय वन अधिकारी रविकांत चौधरी ने बताया कि इस भूमि पर पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जा था। जिसे अभियान के तहत ट्रैक्टर चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराया गया और वन विभाग ने इस भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है।
उन्होंने बताया कि जहां पर भी वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण है, उन्हें मुक्त कराया जा रहा है। बताया कि यह अभियान लगातार चलता रहेगा। खादर क्षेत्र में गंगा किनारे करीब पांच सौ हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त और चिन्हित कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस भूमि पर वन विभाग द्वारा पौधारोपण किया जाएगा। इसके लिए तैयारी चल रही है।

बता दें कि अलीपुर मोरना निवासी जगबीर (55) ने उक्त भूमि को अपना बताते हुए विरोध जताया था। वहीं, शुक्रवार को किसान ने तहसील में आत्मदाह का प्रयास किया, जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे मेरठ के लिए रेफर किया गया है। डीएम दीपक मीणा का कहना है कि किसान की स्थिति अभी गंभीर और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि एसडीएम और सीएमओ वहीं मौजूद हैं। जैसे ही उनकी स्थिति में सुधार होगा तो मामले में जांच की जाएगी।