बरेली के फरीदपुर में नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शराफत जारी वाले के मकान के लिंटर की शटरिंग खोलते समय सोमवार रात स्टूल से गिरे मजदूर की मौत हो गई। परिजनों ने समय पर उपचार न मिलने की बात कही। उन्होंने काम के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान न रखने का भी आरोप लगाया है। मृतक की पत्नी ने मंगलवार को चेयरमैन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है।
रम्पुरारतन गांव निवासी नरेंद्र मौर्या (32) सोमवार सुबह सात बजे अपने घर से मजदूरी करने के लिए फरीदपुर अड्डे पर आए थे। यहां से उन्हें लिंटर की शटरिंग खोलने के लिए चेयरमैन के निर्माणाधीन मकान पर ले जाया गया। यहां मोहल्ला ऊंचा निवासी मिस्त्री के साथ पांच लोग पहले से काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि नरेंद्र एक स्टूल पर चढ़े हुए थे। अचानक से पैर फिसलने की वजह से वह जमीन पर जा गिरे। गिरते ही वह अचेत हो गए।
साथ काम कर रहा मिस्त्री उन्हें लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचा। दवा खाने के बाद वह फिर से काम पर लौट आए। परिजनों का आरोप है कि कुछ देर बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गई। शाम करीब चार बजे उन्हें सीएचसी ले जाया गया है। कुछ देर बाद ही नरेंद्र ने दम तोड़ दिया। नरेंद्र की मौत से उनकी पत्नी रीना का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। नरेंद्र के परिवार में बेटा अनस और दो बेटियां अनुष्का और परी हैं।
समय पर मिलता उपचार तो बच सकती थी जान
परिजनों का कहना है कि स्टूल से गिरने के बाद पहले कई घंटे तक उन्हें घर पर ही रखा गया। इसके बाद निजी अस्पताल से दवा दिला दी गई। तबीयत में सुधार न होने पर सीएचसी ले जाया गया। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद तुरंत ही अगर नरेंद्र को अस्पताल ले जाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी।
मृतक की पत्नी ने लगाया ये आरोप
मंगलवार को मृतक नरेंद्र की पत्नी ने चेयरमैन शराफत के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि चेयरमैन ने जल्दी काम करने के लिए उसके पति पर दवाब बनाया। नरेंद्र से गाली गलौच की गई। इसका विरोध करने पर चेयरमैन ने जान से मारने की धमकी दी और उसे स्टूल से धक्का देकर गिरा दिया, जिससे उसे गंभीर चोट आई और उसकी मौत हो गई।