केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार सुबह यहां स्थित कालीघाट मंदिर में पूजा अर्चना की। इससे पहले उन्होंने गुरुद्वारा जाकर भी मत्था टेका और अरदास की। इससे पहले बंगाल फतह, ममता बनर्जी को मात और विपक्षी एकता को ध्वस्त करने की रणनीति बनाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा देर रात कोलकाता पहुंचे। दो दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों नेता बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलेंगे और संगठनात्मक बैठकों में हिस्सा लेंगे। कमियों और खामियों पर चर्चा और लक्ष्य की प्राप्ति पर मंथन होगा। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर दोनों नेताओं का बंगाल दौरा हो रहा है।
2024 से पहले दौरा महत्वपूर्ण
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, केंद्रीय नेतृत्व बंगाल को लेकर काफी फोक्स्ड है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले दोनों नेताओं का दौरा उसी कड़ी का एक हिस्सा है। दोनों मंगलवार को भाजपा नेताओं के साथ कई प्रमुख संगठनात्मक बैठकें करेंगे और तैयारियों का जायजा लेंगे। केंद्रीय नेतृत्व बंगाल भाजपा नेताओं के साथ मिलकर 2024 के लिए रणनीति बनाएंगे। यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दल भाजपा से मुकाबला करने के लिए एक साथ आए हैं।
टारगेट 35 सीटों पर रहेगी नजर, कट सकते हैं कइयों के टिकट
ऐसा पहली बार हो रहा है कि दोनों नेता एक साथ आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह पहले ही पश्चिम बंगाल में 35 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य दे चुके हैं। पार्टी ने 2019 के आम चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटें जीती थीं। इस यात्रा के दौरान इस टारगेट को कैसे हासिल किया जाएगा, इस पर मंथन होगा। एक-एक सीट पर बात होगी। कमजोरी कड़ियों को खोजकर उस पर काम करने पर बात होगी। पहाड़ को लेकर खास रणनीति बनाने पर भी बात हो सकती है।
आंतरिक कलह और दल-बदलुओं से रही है भाजपा परेशान
पश्चिम बंगाल में भाजपा आंतरिक कलह और दल-बदलुओं से परेशान रही है। सूत्रों की मानें तो बैठकों में इस पर विचार किया जाएगा। ऐसे नेताओं की पहचान करने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि 2021 के विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद आंतरिक कलह और दलबदल ने भाजपा को परेशान रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, पार्टी सांसद अर्जुन सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय सहित छह विधायक 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। सूत्रों की मानें तो इस बार पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व बंगाल भाजपा के वरिष्ठोंं नेताओं को एकजुट होकर टारगेट पर फोकस करने का निर्देश दे सकते हैं।