कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को स्पष्ट किया कि प्रशासन राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहा है और सरकार के स्तर पर चर्चा करने के बाद फैसला लिया जाएगा। उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘हमने अभी तक ऐसा (हिजाब पर लगा प्रतिबंध हटाना) नहीं किया है। किसी ने मुझसे (हिजाब पर प्रतिबंध हटाने पर) सवाल पूछा। मैंने जवाब दिया कि सरकार इसे रद्द करने पर विचार कर रही है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह इस शैक्षणिक वर्ष में किया जाएगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार के स्तर पर चर्चा के बाद किया जाएगा।
एक दिन पहले हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर क्या कहा
यह स्पष्टीकरण उनके उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा था कि पहनावा और भोजन लोगों की निजी पसंद का मामला है। इससे एक दिन पहले उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी सरकार भाजपा द्वारा हिजाब पर लगाए गए प्रतिबंध के आदेश को वापस ले लेगी। उन्होंने कहा था कि लोग क्या पहनना और खाना पसंद करते हैं, इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबका साथ-सबका विकास का विचार फर्जी है। भाजपा समाज में लोगों को पहनावे, वेशभूषा और जाति के आधार पर बांटने का काम कर रही है। मैंने हिजाब पर प्रतिबंध वापस लेने को कहा है। मैसूरु में शुक्रवार को एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए सिद्धरमैया ने कहा था कि उन्होंने अधिकारियों से पिछली सरकार का आदेश वापस लेने को कहा है। लोगों के पहनावे और भोजन में सरकार को आपत्ति क्यों होनी चाहिए?
भाजपा सरकार ने लगाया था शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध
राज्य में जब भाजपा की सरकार थी, तब शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसे लेकर कर्नाटक समेत पूरे देश की सियासत में उबाल आ गया था और काफी हंगामा हुआ था। हालांकि, भाजपा सरकार अपने फैसले पर अडिग रही और उसने राज्य के शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के ड्रेस कोड में ही स्कूल कॉलेज आने की बात कही थी।