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प्रेमानंद महाराज के अब रात के समय नहीं होंगे दर्शन, आश्रम ने लिया बड़ा फैसला

संत प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज छटीकरा मार्ग स्थित अपने आवास से सोमवार रात ढाई बजे पदयात्रा न कर कार से वराह घाट स्थित अपने आश्रम श्रीहित राधा केलि कुंज पहुंचे। इस कारण कड़ाके की ठंड में तीन-चार घंटों से सड़क के दोनों ओर खड़े भक्तों-संतों को दर्शन नहीं हो सके और वे मायूस हो गए। हालांकि मंगलवार को दिनभर उनके आश्रम में भक्तों का आना-जाना लगा रहा।

संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य और उनके दर्शन के लिए रात से ही उमड़ने वाली भक्तों की भीड़ को देखते हुए पदयात्रा पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है। श्रीहित राधा केलि कुंज आश्रम के सूत्रों के अनुसार संत प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज अपने परिकर के साथ सोमवार रात ढाई बजे पैदल न चलकर कार से आश्रम पहुंचे और अपनी ईष्ट राधारानी की सेवा पूजा और आराधना की। उनका नियत समय पर सत्संग भी हुआ।

आश्रम का शाम को गेट खुलने के समय में एक घंटे का बदलाव किया गया। आश्रम का गेट पौने तीन बजे खोला, जबकि पहले एक घंटे देरी से खोला जाता था। संत प्रेमानंद के आश्रम को देखने और संत से कैसे और कब मिला जाए इसकी जानकारी लेने के लिए दिल्ली, कानपुर, अयोध्या, बरेली से आए श्रद्धालु मंगलवार को दिन भर प्रयास करते रहे। दिल्ली निवासी नीलम ने बताया कि ‘मैं अक्सर गुरुजी के दर्शन के लिए परिवार के साथ आती रहती हूं। आश्रम में भी कई बार सत्संग सुनने और उनका सानिध्य पाने का सौभाग्य मिला है, लेकिन प्रात: दर्शन नही हो सके।’

दिल्ली से आए राकेश कुमार चावला ने बताया कि ‘गुरु महाराज के दर्शन और वाणी सुनने से मन को शांति मिलती है। इसलिए दिल्ली से दर्शन और सत्संग सुनने के लिए आए हैं। इंटरनेट के जरिए उनको खूब सुना करते हैं। आज भी उनके दर्शन के लिए प्रयासरत हैं।’