सऊदी अरब अकुशल श्रमिकों को देश में आने से रोकने के लिए अपने वीजा नियमों को सख्त करता जा रहा है. अब किंगडम ने घोषणा की है कि वो अपने व्यावसायिक वेरिफिकेशन प्रोग्राम (Vocational Verification Programme) को 160 से अधिक देशों के लिए लागू करने वाला है.
यानी इन देशों से आनेवाले सभी प्रवासी श्रमिकों को वेरिफिकेशन प्रोग्राम का एक टेस्ट पास करना होगा. सऊदी श्रम अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य श्रम बाजार को रेगुलेट करना और अकुशल श्रमिकों को सऊदी में आने से रोककर कुशल श्रमिकों को लाना है.
व्यावसायिक वेरिफिकेशन प्रोग्राम को इस साल की शुरुआत में सऊदी अरब के मानव संसाधन मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से लागू किया था. इसे अब तक 62 देशों के लिए लागू किया जा चुका है.इस प्रोग्राम में दो तरह के टेस्ट शामिल होते हैं- प्रैक्टिकल और थ्योरिटीकल. श्रमिक वीजा पाने के लिए पहले इन दोनों ही टेस्ट को पास करना होगा, तभी विदेशियों को सऊदी अरब का वीजा मिलेगा.
भारत पर क्या होगा असर?
भारत से लाखों की संख्या में कामगार काम की तलाश में सऊदी अरब का रुख करते हैं. सऊदी सरकार के किसी भी फैसले का भारत पर बहुत असर होता है. सऊदी ने जब सबसे पहले व्यावसायिक वेरिफिकेशन प्रोग्राम शुरू किया था, भारत उन पहले देशों में शामिल था जिनके श्रमिक इस वेरिफिकेशन प्रोग्राम के तहत सऊदी जा रहे हैं.
सऊदी अरब के मानव संसाधन मंत्रालय में इस कार्यक्रम के प्रमुख नवाफ अल अयादी ने कहा, ‘यह प्रोग्राम प्लंबिंग, बिजली आदि जैसे व्यवसायों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए है. इसे चार मुख्य देशों में लॉन्च किया गया है- भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान. सऊदी के कुल प्रवासियों में इन चार देशों के प्रवासियों का हिस्सा 80 फीसद है.’ उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत श्रमिकों की डिग्री की भी जांच की जाती है कि वो असली है या नहीं. इस प्रोग्राम को फिलहाल 62 देशों के लिए शुरू किया गया है और इसका लक्ष्य 160 देशों को कवर करना है.
सख्त होते सऊदी अरब के वीजा नियम
इससे पहले भी सऊदी अरब ने अपने वीजा नियमों को सख्त करने से जुड़ा एक कदम उठाया था. सऊदी सरकार ने विदेशी घरेलू कामगारों की भर्ती को लेकर अपने वीजा नियमों में बदलाव किया था. नवंबर में सामने आए नए नियमों के तहत, सऊदी अरब में अविवाहित पुरुष या महिला नागरिक 24 साल का होने के बाद ही घरेलू कामकाज के लिए विदेशी कामगार को भर्ती कर सकता है.
माना जा रहा है कि इस फैसले का भारत पर ज्यादा असर होगा क्योंकि भारत से बड़ी संख्या में घरेलू कामगार सऊदी अरब जाते हैं. घरेलू कामगार में नौकर, सफाईकर्मी, ड्राइवर, रसोइया, गार्ड, किसान, दर्जी, लिन-इन नर्स और ट्यूटर शामिल हैं.