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आध्यात्मिक वैभव के साथ वर्तमान से कदमताल कर रही अयोध्या, अब दिखने लगे हैं ये बदलाव, एक रिपोर्ट

धर्म, संस्कृति और संस्कार की नगरी अयोध्या बदलाव के दौर में है। इसके बदलाव के प्रयास तो कई बार हुए, लेकिन नौ नवंबर 2019 को राम मंदिर पर फैसले के बाद यह सरकार के एजेंडे में शीर्ष पर आ गया। भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो इसको केंद्र में रखकर अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय वैदिक सिटी के रूप में विकसित करने पर काम शुरू हुआ।

इसके पीछे एक ऐसे शहर की कल्पना है, जो अतीत के आध्यात्मिक वैभव को समेटे हुए वर्तमान से कदमताल कर रहा हो। विकास की नई गाथा कह रहा हो। मसलन… रामभक्तों के लिए यातायात की सुविधाएं हों, अच्छी सड़कें, तेज रफ्तार रेलगाड़ियां, हवाई यात्रा की सुविधा हो। ठहरने के लिए गरीब से अमीर तक के लिए धर्मशालाएं और होटल हों। पेड़-पौधों और फूल पत्तियों से सुवासित एक ऐसा शहर, जहां पहुंचने वाले को शीतलता का अनुभव हो। तपस्या के लिए संतों की छावनियां और सरयू से साक्षात्कार की व्यवस्था हो। इसके लिए अयोध्या के वास्तु को यथावत रखते हुए भवनों के रंग-रूप एक जैसे किए जा रहे हैं। नए भवनों को मंदिरों का स्वरूप देकर मंदिरों के शहर का अहसास कराने की कोशिश है। नए भवनों का निर्माण हो रहा है। नागरिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

कोरोना काल न आया होता अब तक इस शहर की रंगत कुछ और ही होती। हालांकि, कोशिश है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ इसका वैभव निखरकर सामने आ जाए। इन चार वर्षों में अयोध्या में अब तक क्या कुछ बदल पाया है और क्या बदलने वाला है… इस रिपोर्ट के जरिये आप भी जानिए-समझिए।

परिक्रमा पथ बन रहे फोरलेन
-पुण्य प्राप्ति के लिए अयोध्या की पंचकोसी, चौदहकोसी और 84 कोसी परिक्रमा की जाती है। इन सड़कों का चौड़ीकरण और सुंदरीकरण कराया जा रहा है।
-1500 करोड़ रुपये से पंचकोसी और चौदहकोसी परिक्रमा पथ को फोरलेन बनाया जाएगा। जमीन ले ली गई। निर्माण शुरू कराने की तैयारी है। परिक्रमा पथ के किनारे नागिरक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
-7000 करोड़ से 84 कोसी परिक्रमा पथ का निर्माण शुरू कराया जा रहा है। 235 किमी लंबे परिक्रमा पथ के कुछ हिस्से की जमीन लेने का काम चल रहा है। कुछ हिस्से के लिए टेंडर जारी किया गया है।

ग्रीन फील्ड होगा अयोध्या का नया शहर
-लगभग तीन हजार करोड़ की लागत से 1852 एकड़ भूमि पर नया शहर बसाए जाने का काम शुरू हो गया है। इसमें मठ-धर्मशालाओं को जमीन का आवंटन शुरू कर दिया गया।

जाम से निजात के लिए छह रेलवे ओवरब्रिज
रीडगंज रेलवे ओवरब्रिज बनकर तैयार हो गया। अब लगभग 550 करोड़ रुपये की लागत से बड़ी बुआ, दर्शनगर, सूर्य कुंड, फतहेगंज, हाईवे, दर्शननगर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है।

व्यवस्थित विकास के लिए मास्टर प्लान
-अयोध्या विकास प्राधिकरण पहले चरण में 133 वर्ग किमी का मास्टर प्लान लागू कर चुका है। दूसरे चरण में लगभग 700 वर्ग किमी का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।

नए भवन व संस्थान ले रहे आकार
-अयोध्या में तीर्थों के विकास के लिए अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। इससे अयोध्या में फैले तीर्थों के साथ ही नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जल्द ही इसका भवन भी तैयार होगा।
-विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय बनाया जाएगा। इसमें देश के विभिन्न मंदिरों की वास्तुशैली को दिखाया जाएगा। सरकार से इसकी मंजूरी दे दी गई। अब जमीन की व्यवस्था पर काम चल रहा है।