Friday , November 22 2024
Breaking News

बदलेगा मैसूर एयरपोर्ट का नाम? कर्नाटक में फिर ‘जिंदा’ हुए टीपू सुल्तान

कर्नाटक में एक बार फिर टीपू सुल्तान के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है. इस मुस्लिम शासक को लेकर समय-समय पर विवाद होते रहते हैं. कर्नाटक के मैसूर क्षेत्र में इनकी बड़ी राजशाही चलती थी और अंग्रेजों के सामने इन्होंने अपनी ताकत का लोहा मनवाया था. कांग्रेस विधायक प्रसाद अब्बय्या के मैसूर एयरपोर्ट का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने की मांग पर ताजा विवाद शुरू हुआ है. बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में खूब हंगामा किया.

एयरपोर्ट का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के सुझाव पर तीखी बहस हुई और बीजेपी विधायकों ने सदन में खड़े होकर विरोध किया. इसके बावजूद, कर्नाटक विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से नामचीन हस्तियों के नाम पर चार एयरपोर्ट का नाम बदलने की अपील की है.

केंद्र सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

हुबली हवाई अड्डे का नाम क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना के नाम पर, बेलगावी हवाई अड्डे का नाम कित्तूर रानी चेनम्मा के नाम पर, शिवमोग्गा हवाई अड्डे का नाम राष्ट्रकवि डॉ केवी पुट्टप्पा (कुवेम्पु) के नाम पर और विजयपुरा हवाई अड्डे का नाम जगदज्योति बसवेश्वर के नाम पर रखा जाएगा.

क्या बदलेगा मैसूर एयरपोर्ट का नाम?

सिद्धारमैया कैबिनेट में मंत्री एमबी पाटिल ने स्पष्ट किया कि एयरपोर्ट्स के लिए प्रस्तावित नए नाम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी. हालांकि, केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में मैसूर एयरपोर्ट को ‘टीपू सुल्तान एयरपोर्ट’ करने का प्रस्ताव दिया गया है या नहीं – यह स्पष्ट नहीं है. गौरतलब है कि 2016 में मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 10 नवंबर को टीपू सुल्तान के जन्मदिन को “टीपू जयंती” के रूप में मनाने की शुरुआत की थी.

सीएम सिद्धारमैया ने की सराहना

हालांकि, 2019 में बीजेपी के सत्ता में आने पर यह उत्सव बंद कर दिया गया था. इस साल अक्टूबर महीने में कर्नाटक में फिर से कांग्रेस की सरकार बनी और सिद्धारमैया फिर राज्य के सीएम बने. उन्होंने कर्नाटक में एक पूर्व रियासत की रानी कित्तूर रानी चन्नम्मा (जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया था) और टीपू सुल्तान को “आत्मसम्मान के लिए लड़ने की प्रेरणा” बताया था.” सीएम ने ब्रिटिश सेना का सामना करने में कित्तूर चन्नम्मा की बहादुरी पर चर्चा की और उनकी वीरता और सिद्धांतों को मनाने के लिए उनकी पिछली पहल की भी सराहना की.