इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में शुक्रवार (15 दिसंबर) को इजरायली सेना ने गलती से तीन अपने ही देश के बंधकों को मार डाला. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इजरायली सैनिकों ने गलती से तीन इजरायली बंधकों को खतरा समझ लिया और उन पर गोलियां चला दीं, जिससे उनकी मौत हो गई.
हगारी ने बताया कि घटना शुक्रवार सुबह की है. उत्तरी गाजा के शेजैया में लड़ाई के दौरान इजरायली सैनिकों ने गलती से तीन इजरायली बंधकों को खतरा समझ लिया था. हगारी ने यह भी कहा, ”यह हम सभी के लिए एक दुखद और दर्दनाक घटना है और जो कुछ भी हुआ उसके लिए आईडीएफ जिम्मेदार है.”
मारे गए तीन इजरायली बंधकों को लेकर आईडीएफ क्या कहा?
आईडीएफ के आधिकारिक X हैंडल से जानकारी दी गई है कि शवों को जांच के लिए इजरायली क्षेत्र में भेजा गया, जहां यह पुष्टि हुई कि वे 3 इजरायली बंधक थे और उनकी पहचान की गई. आईडीएफ ने बताया कि मारे गए इजरायली बंधकों में योतम हैम (Yotam Haim) नाम शख्स को 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास ने किबुत्ज कफर अजा से अगवा किया था, दूसरे बंधक समीर तलाल्का (Samer Talalka) को 7 अक्टूबर को हमास ने किबुत्ज निर अम से अगवा किया था. आईडीएफ ने कहा कि तीसरे बंधक के परिवार को सूचित कर दिया गया है, उन्होंने अनुरोध किया है कि उसका नाम प्रसारित न किया जाए.
घटना से तत्काल सबक सीखा गया- IDF
आईडीएफ ने कहा, ”घटना की तुरंत समीक्षा शुरू कर दी गई है. आईडीएफ इस बात पर जोर देता है कि यह एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र है जिसमें पिछले कुछ दिनों से लगातार लड़ाई हो रही है. घटना से तत्काल सबक सीखा गया है, जिसे क्षेत्र में सभी आईडीएफ जवानों को बता दिया गया है. आईडीएफ इस दुखद घटना पर गहरा अफसोस व्यक्त करता है और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है. हमारा राष्ट्रीय मिशन लापता लोगों का पता लगाना और सभी बंधकों को घर वापस लाना है.” टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ के प्रवक्ता ने कहा कि यह वो क्षेत्र है जहां इजरायली जवानों को आत्मघाती हमलावरों समेत कई आतंकियों का सामना करना पड़ा.
हमास की कैद से भागने में कैसे सफल हुए थे बंधक?
यह पूछे जाने पर कि बंधक हमास की कैद से भागने में कैसे सफल रहे, प्रवक्ता हगारी ने कहा कि सेना का मानना है कि तीनों भाग गए या आतंकियों ने उन्हें छोड़ दिया, जिन्होंने उन्हें बंदी बना रखा था. हागारी ने कहा कि गोलीबारी के बाद एक स्कैन और जांच के दौरान मृतकों की पहचान के बारे में संदेह पैदा हुआ, इसके बाद तुरंत उनके शवों को इजरायल में जांच के लिए भेजा गया, जहां बंधकों की पहचान की गई.
हगारी ने कहा यह एक दुखद घटना है, जो एक युद्ध क्षेत्र में हुई जहां सैनिकों ने हाल के दिनों में और शुक्रवार को कई आतंकियों का सामना किया और कड़ी लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहना है कि बंधकों की पहचान के लिए नए प्रोटोकॉल जमीनी बलों को हस्तांतरित कर दिए गए हैं ताकि इस तरह की एक और दुखद घटना को रोकने के लिए सब कुछ किया जा सके.
संघर्ष में अब तक मारे गए 19 हजार से ज्यादा लोग
बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में घातक हमला किया था, जिसमें कई लोग मारे गए थे और दो सौ से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया था. हमास के हमले के जवाब में इजरायल ने सैन्य कार्रवाई शुरू की. तब से बीच में एक हफ्ते के संघर्ष विराम के छोड़कर जंग जारी है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर से अब तक इजरायली हमलों में कम से कम 18,787 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं, इजरायल में मरने वालों की संख्या लगभग 1,200 है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच इजरायल ने कहा है कि वह केरेम शालोम क्रॉसिंग (Kerem Shalom Crossing) के माध्यम से गाजा में सहायता पहुंचने की अनुमति देगा, इस कदम की व्हाइट हाउस ने तारीफ की है.