Breaking News

2019 में अहमद पटेल हो सकते है PM उम्मीदवार, महागठबंधन से सोनिया कर सकती है नामित

नई दिल्ली। कांग्रेस मुक्त हो रहे भारत की स्थिति को सम्हालने हेतु कांग्रेस अध्यक्ष अब पुत्र मोह त्याग कर अपने निकटतम सहयोगी एवम सलाहकार अहमद पटेल को नरेंद्र मोदी के विरुद्ध, गुजरात राज्य से ही, प्रधान मंत्री के रूप में पेश करने की घोषणा कर सकती है। शायद राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति पदों पर अपने उम्मीदवारो की करारी हार के बाद सोनिया की अंतरात्मा की आवाज़ ने, पुत्रमोह को त्याग कर प्रधान मंत्री पद का सही उम्मीदवार तय करने का निर्णय लिया हो।

राहुल गांधी से पार्टी की बिगड़ती छवि,कांग्रेस पदाधिकारियो में आंतरिक मनमुटाव तथा राहुल के पास अनुभव की कमी को देखते हुए कुशल एवम चतुर राजनीतिक के रूप में अहमद पटेल सोनिया की पहली पसंद बने हुये  है।

कदाचित अहमद पटेल को यह संकेत मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के वक्त ही  मिल गया होगा। सोनिया का इशारा मिलते ही अहमद पटेल राजनीति में विशेषकर गुजरात की राज्य सभा सीट के लिए अधिक सक्रिय हो गये। इसी सक्रियता के चलते अपने कांग्रेसी प्रतिद्वन्दी शंकर सिंह बाधेला को कांग्रेस से अलग करने के काम किया।बाघेला की गिनती गुजरात के शीर्ष राजनीति के खिलाड़ियों में की जाती है।

शंकर सिंह बाधेला भाजपा में शामिल होने की इच्छा रखते थे इसी कारण उनके 6 हमदर्द  विधायको ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया।शंकर सिंह बाधेला के 22 विधायक अभी भी कांग्रेस की कैद में बताए जाते है।विधायको के पलायन का आरोप भाजपा पर मढा गया कि उन्होंने खरीद फरोक्त आरम्भ कर दी। इस कारण कांग्रेस ने 44 विधायको को रातोरात बंगलौर के सुरक्षित रिसोर्ट पर बन्दी बनवा दिया ।

अहमद पटेल  जी जान से अपनी राज्य सभा सीट को जीतने हेतु, साम दाम दण्ड भेद, सभी प्रकार की नीति अपना कर अपना कद बढ़ाने में लगे है।अहमद पटेल को यह मालूम है कि लोक सभा की सीट जीतना उनके लिए मुमकिन नही है लेकिन उनका भविष्य इसी चुनाव पर आधारित है।

वास्तव में कोंग्रेसी विधायकों को भाजपा से कोई खतरा नही था,खतरा शंकर सिंह बाधेला से है जिनके करीब 22 विधायक भी अपनी अंतरात्मा की आवाज़ के साथ अभी भी मतदान के समय अपना काम दिखा सकते है। कांग्रेस द्वारा सारे काण्ड का ठीकरा राज्य सभा और लोक सभा के माध्यम से भाजपा के सर फोड़ा जा रहा है ताकि भाजपा की छवि बिगाड़ी जा सके। वास्तविकता यह है कि अभी राहुल गांधी सहित किसी भी सांसद को शायद यह नही मालूम कि पर्दे के पीछे सोनिया गांधी का खेल क्या है ?

अहमद पटेल को PM बनाने के पीछे कुछ मुख्य कारण है-

1-   देश मे पहली बार मुस्लिम प्रधान मंत्री होना।

2- यूपी के मुसलमानो को विश्वास दिलाकर उनका वोट बैंक खींचना।

3- महागठबंधन के सदस्यों के अनुरूप परिवार वाद से अलग गैर हिन्दू प्रधानमंत्री उम्मीदवार

4-राहुल से नाराज़ या उन्हें न पसंद करने वाले कांग्रेसियो को आसानी से एकजुट करना।

5-गुजरात से प्रधानमंत्री नामित कर भाजपा का सफाया करना।

6-बिहार की राजनीति पर नियंत्रण करना।

6-नीतीश कुमार को पुनः महागठबंधन में वापस लाने का प्रयास।

8-अमित शाह एवम मोदी को टक्कर देने वाला व्यक्ति आदि आदि…..

यह राज खुलने के बाद स्वम कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर क्या गुज़रेगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन व्यक्तिगत तौर से भी  नीतिश कुमार की इस बात में दम लगता है कि अभी मोदी को हराने वाला कोई नही है।