श्रीकाशी विश्वनाथ की चौखट से गंगा द्वार तक दीपमालिकाएं रोशन हो उठीं। दीपावली के बाद बाबा के धाम के दूसरे लोकार्पण उत्सव पर बुधवार को परिसर दीयों की रोशनी से जगमगा उठा। पूरे परिसर में 15 हजार दीप जलाकर लोकार्पण उत्सव का जश्न मनाया गया। इससे पहले सुबह महादेव का आंगन शंखनाद और डमरुवादन से गूंज उठा। मंदिर परिसर में वेद परायण, महारुद्राभिषेक और हवन-पूजन हुआ। 21 बटुकों ने सस्वर मंत्रों का पाठ किया।
लोकार्पण के खास दिन 3.15 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में मत्था टेका। उधर, दोपहर में शिवबरात समिति ने हर महादेव के जयघोष के साथ लोक महोत्सव शोभायात्रा मैदागिन से डेढ़सी पुल तक निकाली। करीब सवा दो किलोमीटर तक निकली इस शोभायात्रा में अग्नि-शस्त्र लेकर मां काली के रूप में कलाकार ने तांडव किया। नरमुंड पिशाच बने बाबा के गण शोभायात्रा में नाचते गाते चल रहे थे। काशीपुराधिपति की शोभायात्रा में झांकियों ने सभी का मन मोह लिया।
3.15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई बाबा दरबार में हाजिरी
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के दूसरे लोकार्पण उत्सव पर सवा तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। मंगला आरती के बाद से शुरू हुआ दर्शन पूजन का सिलसिला शयन आरती तक अनवरत चलता रहा है। बुधवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण उत्सव का उत्साह शिवभक्तों में भी नजर आया। सुबह से ही भक्त बाबा के दरबार में दर्शन पूजन के लिए पहुंचने लगे थे।
मंगला आरती के बाद जैसे ही मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खुले तो पूरा धाम हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा। गेट नंबर चार से लगी श्रद्धालुओं की कतार बांसफाटक से आगे पहुंच चुकी थी और दूसरी कतार चौक की तरफ से आगे बढ़ रही थी। मंदिर के कपाट बंद होने तक सवा तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया।
भोग आरती में हुआ विलंब
धाम के लोकार्पण समारोह के अनुष्ठान के कारण बुधवार को बाबा विश्वनाथ की भोग आरती विलंब से शुरू हुई। बाबा की आरती शुरू होने में करीब 20 मिनट से अधिक का समय लग गया। इसके कारण धाम के बाद श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई थी।