बालू मजदूर दशरथ राय पर पर्यावरण सुरक्षा का ऐसा जुनून चढ़ा कि अपने जीवन काल में उन्होंने 35000 से ज्यादा वृक्ष लगाकर इलाके को हरा भरा बना दिया. मजदूरी करने वाले दशरथ राय सप्ताह में 5 दिन मजदूरी करते हैं और दो दिन अपना वक्त पर्यावरण सुरक्षा के लिए वृक्ष लगाने में देते हैं.
लेकिन बुजुर्ग हो चुके दशरथ राय इन दिनों बीमार चल रहे हैं. इन्हें इलाज की जरूरत है, परन्तु ऐसे बुरे वक्त में कोई इनके साथ नहीं है. हालांकि, एक दो लोगों ने अपने स्तर से इनकी मदद करने का प्रयास किया है. बता दें कि दशरथ राय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सम्मानित कर चुके हैं.
दशरथ राय अति साधारण परिवार से आते हैं. बचपन से उनकी इच्छा पेड़-पौधों के साथ रहने की थी. बड़े होने पर किसी भी उपेक्षित पेड़-पौधे को देखकर उनके मन में टीस उठती थी. बाद में उन्होंने ऐसे पौधों को सही जगह देखकर लगाना शुरू किया. राह चलने वाले या खेतों में काम करने वाले लोगों के लिए वृक्ष की छांव से बढ़कर कुछ नहीं. दशरथ राय का सपना है कि सभी सार्वजनिक जगहों के पास राहगीरों के विश्राम के लिए पेड़ की छाया उपलब्ध कराना. धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन गई.
एक बार छपरा के डुमरी-जुआरा रेलवे स्टेशन के पास उन्होंने स्वयं के लगाए पौधों में पानी देने के लिए रेल के गेटमैन से बाल्टी मांगी तो गेटमैन ने उन्हें दुत्कार दिया. परन्तु, अपनी धुन के पक्के श्री राय कहां मानने वाले थे और बात बढ़ने लगी. गेटमैन ने जब यह कहा कि बहुत सारे लोग बाल्टी के लिए इसी तरह की बातें करते हैं. इतना सुनते ही उन्होंने अपने शरीर के ऊपरी कपड़े उतार कर गेटमैन को दे दिए और कहा कि जब बाल्टी वापस करेंगे तब कपड़े दे देना. आखिरकार उनके लगाए वृक्षों को पानी मिला और दशरथ के मन का संतोष.
गड़खा प्रखंड अंतर्गत ग्राम कोठिया के प्राण राय टोला के निवासी श्री दशरथ राय मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, लेकिन परिवार के लिए पांच दिन और पेड़ के लिए दो दिन देना कभी नहीं भूलते. बीमार होने पर भी वे पेड़ों के लिए समय निकाल ही लेते हैं. इस कार्य में उनकी धर्मपत्नी और दो लड़के भी कंधा से कंधा मिलाकर उनका सहयोग करते हैं, जबकि पत्नी सर्वाइकल स्पौन्डिलाइटिस की मरीज हैं.
पिछले 1 महीने से दशरथ राय की तबीयत बिगड़ गई है और वह घर में ही जिंदगी मौत से जूझ रहे थे. ऐसे में चिरांद विकास समिति के सचिव श्रीराम तिवारी ने उन्हें थोड़ी आर्थिक मदद कर इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है. दशरथ राय का कहना है कि सरकार अगर थोड़ी मदद कर दे तो उन्हें अच्छा लगेगा, लेकिन उन्हें किसी से शिकायत नहीं है. 2012 में वन पर्यावरण विभाग ने दशरथ राय को सम्मानित किया था और यह सम्मान खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया था.