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प्रदेश में तेजी से लुढ़का पारा, बरेली की रात रही सबसे ठंडी, जानिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान

चक्रवाती बारिश बीतने के बाद प्रदेश में मौसम बदल गया है। पारे में गिरावट के साथ ही सर्दियों के बढ़ने का दौर शुरू हो चुका है। हवाएं भी अपने तेवर दिखाने लगी हैं। इस बीच लखनऊ समेत प्रदेश में रातें सर्द होने लगी हैं। 48 घंटे में न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री की गिरावट आई है। बरेली में रात का पारा सबसे कम 7 डिग्री रिकॉर्ड हुआ।यह सिलसिला फिलहाल जारी रहने के आसार हैं।

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, पछुआ असर दिखा रही है। आसमान भी साफ हो चुका है, इसके कारण रात के पारे पर असर दिख रहा है। प्रदेश में सबसे सर्द रात बरेली की रही, यहां पर 7 डिग्री सेल्सियस पारा रिकॉर्ड हुआ। इसी तरह नजीबाबाद में 7.8 डिग्री, मुजफ्फरनगर में 8..8 डिग्री सेल्सियस रहा पारा।

जबकि बहराइच, सुल्तानपुर, अयोध्या, फुरसतगंज, मेरठ में पारा 10 से 11 डिग्री के बीच रहा। लखनऊ में तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है। अधिकतम तापमान 22.6 डिग्री से 26.7 डिग्री के बीच रहा। गाजीपुर में पारा 15..8 डिग्री था, जो घटकर 11 डिग्री रह गया यानी 4.8 डिग्री की गिरावट आई। इसी तरह बलिया में 16 डिग्री से गिरकर 13 डिग्री सेल्सियस रहा न्यूनतम तापमान।

हवा से धूप बेअसर, पांच दिन में 5 डिग्री गिरा रात का पारा
दिसंबर के दिन जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे, ठंड असर दिखाने लगी है। रविवार को हवा की तेजी के आगे धूप बेअसर रही, पारे में गिरावट का दौर जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक, दिन और रात के पारे का लुढ़कना जारी रहेगा। बीते पांच दिन में पांच डिग्री तक गिर गया लखनऊ का न्यूनतम पारा। इस सप्ताह न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक पहुंचने के आसार हैं।

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, सक्रिय पश्यिमी विक्षोभ व चक्रवात का प्रभाव समाप्त हो चुका है। पछुआ हवा चलने लगी और आसमान से बादल छंटने लगे हैं। इसके कारण राजधानी लखनऊ समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर भाग में न्यूनतम तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। ठंडे व रेगिस्तानी व हिमालयी क्षेत्रों से आ रही शुष्क ठंडी हवाओं की गति बढ़ने से आगामी दो-तीन दिन अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट के आसार हैं। हवा की रफ्तार इस वक्त 20 से 22 किमी प्रति घंटा है। इसके कारण कोहरे का घनत्व घटेगा और कोहरा बढ़ने के भी आसार हैं।