पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी इलाकों तक में धीरे-धीरे ठंड बढ़ती जा रही है। लेकिन अभी भी देश के प्रमुख पहाड़ी शहरी इलाकों में दिन का पारा माइनस में नहीं पहुंचा है। जबकि मैदानी इलाकों में भी दिन के तापमान में इतनी गिरावट नहीं दर्ज हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शिमला, मनाली, श्रीनगर और लेह जैसे ऊंचाई वाले शहरों में अगले एक सप्ताह तक दिन के तापमान के माइनस में जाने की कोई संभावनाएं नहीं है। पूरे देश में सबसे ज्यादा ठंडा शहरी इलाका ले दर्ज किया गया। जहां बीती रात रात का पारा माइनस 11 डिग्री पर लुढ़क गया। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक पहाड़ों पर जैसे ही दिन के पारे में तेजी से कमी होगी और हवाएं चलेगी तो मैदानी इलाकों में दिन का पारा गिरने लगेगा।
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, अगले दो से तीन दिनों में देश के उत्तरी हिस्से के मैदानी भागों में दो से तीन डिग्री के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होगी। अभी ज्यादातर मैदानी हिस्सों के शहरी इलाकों में न्यूनतम पारा 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के करीब ही बना हुआ है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली एनसीआर, लखनऊ, भोपाल, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना, जम्मू समेत पटना जैसे शहरों में रात के बारे में गिरावट शुरू होगी। मौसम विभाग के वैज्ञानिक सुरेंद्र सहोता के मुताबिक, इन शहरों और उत्तरी राज्यों में रात का पारा सात से 10 डिग्री के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मैदानी इलाकों के शहरों में दिन का तापमान अभी भी 20 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच में बना हुआ है।
धूप के चलते नहीं गिर रहा मैदानी इलाकों में पारा
अनुमान के मुताबिक, अगले छह दिनों तक अधिकतम तापमान में फिलहाल कोई कमी होने का अनुमान नहीं है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हिमालय की तलहटी वाले शहरों में जरूर दिन का कुछ तापमान गिर सकता है। लेकिन पारे में बहुत तेजी से गिरावट नहीं दर्ज होगी। मौसम वैज्ञानिक सुरेंद्र कहते हैं कि दरअसल हिमालय के पश्चिमी हिस्से में लगातार बर्फबारी हो रही है। लेकिन दिन में निकलने वाली धूप और लगातार एक जैसे बने रहने वाले तापमान के चलते इसका सीधा असर मैदानी इलाकों में नहीं पड़ रहा है। जैसे ही पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के साथ दिन के तापमान में कमी दर्ज होगी और हवाएं चलेंगी, तो मैदानी इलाकों में भी दिन का पारा गिरना शुरू होगा। फिलहाल अगले छह दिनों तक इस तरीके का कोई पूर्वानुमान नहीं लग रहा है।
पहाड़ी क्षेत्रों में लेह सबसे ज्यादा ठंडा
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि देश की सबसे ऊंचाई पर बसे शहर लेह में बीती रात सबसे ज्यादा ठंडी रही। यहां पर रात का पारा माइनस 11 डिग्री दर्ज किया गया। दिन का तापमान अभी भी चार डिग्री पर ही रहा। मौसम विभाग का अनुमान है अगले छह दिनों के भीतर लेह जैसे शहर में भी दिन के बारे में महज एक डिग्री सेल्सियस की ही गिरावट होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जबकि रात में यह माइनस 11 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं होगा। इसी तरह जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में बीती रात का पारा माइनस चार डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं, दिन में यहां का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। अगले छह दिनों में रात के बारे में इससे ज्यादा गिरावट न होने का अनुमान लगाया गया है। गुलमर्ग में भी रात का पर माइनस चार डिग्री रिकार्ड किया गया जबकि दिन का तापमान छह डिग्री रहा। कारगिल में भी रात का पारा माइनस नौ डिग्री और दिन का तापमान पांच डिग्री रिकॉर्ड हुआ।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिन शहरों में रात का पारा माइनस में जा रहा है वहां पर भी दिन का पारा माइनस में नहीं पहुंचा है। अनुमान के मुताबिक, जैसे-जैसे बर्फ पिघलनी शुरू होगी और इन शहरों में भी तेज चलने वाली हवाओं के साथ दिन का पारा माइनस में होगा तो उसका सीधा असर मैदानी इलाकों में दिखेगा। मौसम विभाग के आंकड़ों में पहाड़ी इलाके मनाली में भी रात का पारा दो डिग्री और दिन का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि शिमला में भी यह पर पांच डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस मापा गया। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक मनाली और शिमला जैसे शहरों में अगले छह दिनों के भीतर किसी भी तरीके के मौसम के बदलाव की संभावना नहीं दिख रही है।
इसी तरह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में दिन का तापमान नौ डिग्री और रात का पारा 22 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि दिल्ली में औसतन रात का पारा अभी भी 10 डिग्री सेल्सियस और दिन का तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के करीब ही दर्ज किया जा रहा है। चंडीगढ़ में रात का टेंपरेचर 9 डिग्री और दिन का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के वैज्ञानिक सुरेंद्र सहोता कहते हैं कि इन सभी शहरों में अगले कुछ दिनों में रातों के तापमान में 2 से 3 डिग्री की कमी दर्ज होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जबकि देश के अन्य मैदानी हिस्सों में दिन के तापमान में कोई कमी दर्ज होने का अनुमान नहीं है।