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20 हजार रुपए से कम लिया चंदा फिर भी बसपा की आय 2057 फीसदी बढ़ गई!

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी देश की अकेली ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है, जिसकी आय का शत-प्रतिशत हिस्सा अज्ञात स्रोत की श्रेणी में आता है. यानी पार्टी जो भी दान लोगों से हासिल करती है, उसको जानकारी सार्वजनिक करना उसके लिए आवश्यक ही नहीं है.

पता चला है कि पिछले 11 सालों में बसपा की इसी तरह से आय में 2057 फीसदी का इजाफा भी हो गया है.  वहीं अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की भी आय का करीब 94 फीसदी हिस्सा ऐसे ही अज्ञात स्रोतों से हासिल किया गया, जिसे वह चाहें तो जनता को न बताएं.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार देश के सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों में सिर्फ बहुजन समाज पार्टी ही अकेली ऐसी पार्टी है, जिसने लगातार यह घोषित किया है कि 2004-05 से 2014-15 के बीच उसे कोई भी दान 20 हजार रुपए से ज्यादा नहीं मिला. यही कारण है कि पार्टी का शत प्रतिशत दान अज्ञात स्रोतों की श्रेणी में आता है.

दिलचस्प बात ये है कि इन 11 सालों में बसपा की कुल आय में में 2057 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. 2004-05 में जहां पार्टी की कुल आय 5.19 करोड़ रुपए थी, वहीं ये अब बढ़कर 2014-15 में 111.96 करोड़ हो चुकी है.

वहीं उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी भी बसपा के ही रास्ते पर चलती दिख रही है. 2004-05 से 2014-15 के बीच सपा को 94 फीसदी दान 20 हजार रुपए से ज्यादा का नहीं मिला, यानी ये भी अज्ञात स्रोत से हुई कमाई हुआ. समाजवादी पार्टी का ये 94 फीसदी करीब 766.27 करोड़ रुपए का है.

दरअसल राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपए से अधिक के दान देने वाले दाताओं की डिटेल चुनाव आयोग में हर साल जमा करनी होती है. इसमें दान देने वाले शख्स का नाम, पता, पैन, राशि और भुगतान के माध्यम की जानकारी देनी अनिवार्य है.

लेकिन पार्टियों ने इसकी काट निकालते हुए 20 हजार रुपए से कम दान का रास्ता अपना लिया है. ये अज्ञात स्रोतों की श्रेणी में आता है, जिसमें सेल आॅफ कूपन्स, आजीवन सहयोग निधि, रिलीफ फंड, मिसलेनियस आय, वॉलंट्री कंट्रीब्यूशंस, कंट्रीब्यूशंकस फ्रॉम मीटिंग, मोर्चा आदि शमिल हैं. ऐसे योगदान देने वाले दाताओं का ब्यौरा सावर्जनिक तौर पर उपलब्घ नहीं होता.

रिपोर्ट में 6 राष्ट्रीय दलों कांग्रेस, भाजपा, बसपा, एनसीपी, सीपीआई और सीपीएम और 51 क्षेत्रीय मान्यता प्राप्त दलों का विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट में 51 क्षेत्रीय दलों का आयकर विवरण और दान रिपोर्ट का विश्लेषण किया गया है.