Gold Loan एक ऐसा लोन है जो कि काफी आसानी से मिल जाता है और सिक्योर्ड लोन होने के कारण इसमें ब्याज दर पर्सनल लोन के मुकाबले काफी कम होती है। इस कारण से हाल के दिनों में इसके चलन में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। भारत में गोल्ड पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर किया जाता रहा है। इस कारण से बड़ी संख्या में लोगों के पास पास सोने पर मालिकाना हक होने के दस्तावेज नहीं होते हैं। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठाता है कि क्या गोल्ड लोन लेते समय सोने पर मालिकाना हक साबित होना जरूरी है या नहीं?
क्या है RBI का नियम?
आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति एक बार में या फिर संयुक्त रूप से 20 ग्राम से अधिक सोने पर गोल्ड लोन लेता है तो उसे सोने पर मालिकाना हक साबित करना जरूरी है। अगर 20 ग्राम से कम सोने पर गोल्ड लोन लिया जाता है तो किसी भी प्रकार की ओनरशिप रिसिप्ट देने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति 20 ग्राम से कम सोने को बिना मालिकाना हक साबित किए गिरवी रखकर गोल्ड लोन ले सकता है।