बिहार में इन दिनों शिक्षा विभाग काफी सुर्खियों में हैं। सुर्खियों में रहने के पीछे वजह है विभाग का तुगलकी फरमान। अब विभाग के नए फरमान ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्रिंसिपल की टेंशन को बढ़ा दी है। बीते दिनों त्योहार पर की गई छुट्टियों में कटौती के आदेश के बाद बिहार सरकार और शिक्षा की विभाग हर तरफ किरकिरी हुई थी। बावजूद एक फिर शिक्षा विभाग ने छठ पर्व को लेकर दी गई छुट्टी को रद्द कर दिया है।
बिहार में छठ पर खुले रहेंगे सरकारी स्कूल
छुट्टियों को लेकर क्या है केके पाठक का नया फरमान?
क्यों शिक्षा विभाग ने रद्द की छुट्टियां?
बिहार में छठ पर खुले रहेंगे सरकारी स्कूल
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश के बाद छठ पर्व में शिक्षकों को दी गई छुट्टियों को रद्द कर दिया गया। हालांकि,आदेश में बच्चों को राहत दी गई है। बिहार के सरकारी स्कूलों में 21 नवंबर तक सभी तरह की छुट्टियों को रद्द कर दिया। इस अवधि के दौरान किसी भी स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को भी छुट्टी नहीं मिलेगी और जिन्होंने पहले से छुट्टियों के लिए आवेदन दिया है तो उसे भी रद्द करने का आदेश दिया गया है।
इस वजह से रद्द की गई छुट्टियां
बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों की ज्वाइनिंग के लिए नीतीश सरकार ने यह फरमान जारी किया है। इस नए फरमान में कहा गया है कि इस बार छठ पर्व पर सभी स्कूल खुले रहेंगे। नवनियुक्त शिक्षकों के साथ-साथ स्कूल के प्रिंसिपल को भी हाजिरी लगानाी होगी। क्लास 6 तक के चयनित शिक्षकों की ट्रेनिंग 20 नवंबर से 2 दिसंबर तक होगी। प्रशिक्षु शिक्षकों को 19 नवंबर को ही ट्रेनिंग सेंटर पहुंचना होगा।
बता दें कि हाल में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के द्वारा चयनित करीब 1 लाख 25 हजार नए शिक्षकों की स्कूलों में तैनाती 21 नवंबर तक कर दी जाएगी। शिक्षकों के नियुक्ति और उनके योगदान दिए जाने तक शिक्षा विभाग के सभी अफसरों और कर्मियों की भी छुट्टियां रद्द रहेंगी।
पहले भी जारी किया था फरमान
इससे पहले भी बिहार शिक्षा विभाग द्वारा छुट्टियों में कटौती करने का फैसला लिया गया था। सरकारी स्कूलों में त्योहार की छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दी गई थी। मगर इस फैसले की हर तरफ आलोचना और शिक्षकों के आंदोलन की चेतावनी के बाद सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा था। अब शिक्षा विभाग ने फिर से नया फरमान जारी कर दिया है। छठ को बिहार का सबसे बड़ा पर्व मना जाता है। लोग अपने पूरे परिवार के साथ इस महापर्व को मनाते हैं। बिहार से बाहर रहने वाले लोग इस पर्व भी घर जरूर जाते हैं। ऐसे भी बिहार में ही रहने वाले शिक्षकों की छुट्टियां रद्द करने के फैसले की अब हर तरफ आलोचना हो रही।