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आठ अरब के पार हो गई विश्व जनसंख्या, सबसे ज्यादा है इन देशों का योगदान

वाशिंगटन: दुनिया की आबादी आठ अरब के पार हो गई है, लेकिन विश्व जनसंख्या वृद्धि में धीमी गति की दीर्घकालिक प्रवृत्ति जारी है। यह बात अमेरिकी जनगणना ब्यूरो ने बृहस्पतिवार को कही। ब्यूरो का अनुमान है कि वैश्विक जनसंख्या ने यह सीमा 26 सितंबर को पार की।

दुनिया की आबादी को 7 अरब से बढ़कर 8 अरब होने में 12 साल का वक्त लगा लेकिन अब 8 अरब से इसे 9 अरब होने में करीब 15 साल का समय लगेगा । इससे पता चलता है कि दुनिया में जनसंख्या वृद्धि की दर में कमी आ रही है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 61 देशों या क्षेत्रों की आबादी में 2022 और 2050 के बीच 1 फीसदी की कमी होने का अनुमान है।

इसका कारण प्रजनन क्षमता के निरंतर कमी आना और कुछ मामलों में प्रवासी जीवन की मजबूरी को भी बताया जा रहा है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो ने एक बयान में कहा है कि वैस तो संयुक्त राष्ट्र (UN) ने अनुमान लगाया था कि यह संख्या 10 महीने पहले पार हो गई थी और 22 नवंबर, 2022 को ‘आठ अरब जनसंख्या का दिन’ घोषित किया गया था। ब्यूरो के अनुसार यह विसंगति देशों द्वारा जनगणना की अलग-अलग पद्धति के कारण या बिल्कुल गणना नहीं करने के कारण हो सकती है। इसके अनुसार, कई देशों में जन्म और मृत्यु दर्ज करने की प्रणाली का अभाव है। ब्यूरो के अनुसार, भारत और नाइजीरिया जैसे कुछ सबसे अधिक आबादी वाले देशों ने एक दशक से अधिक समय से जनगणना नहीं की है। विश्व जनसंख्या वृद्धि की दर 1960 और 2000 के बीच दोगुनी होने के बाद से धीमी हो गई है। कनाडा जैसे देशों में वृद्धावस्था मृत्यु दर में कमी आ रही है, जबकि नाइजीरिया जैसे देशों में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी देखी गई है।

UN की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक जनसंख्या के आंकड़े देखें तो गरीब देशों में जनसंख्या वृद्धि की दर में बढ़ोतरी देखी गई है। इसमें ज्यादातर उप-सहारा अफ्रीका के देश हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक वैश्विक तापमान में हो रही बढ़ोतरी को रोकने के लिए पेरिस समझौते के उद्देश्यों को पूरा करना जरूरी है। इसमें सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) के लक्ष्य और उत्पादन के साथ ही खपत में संतुलन बनाना जरूरी है। जनसंख्या वृद्धि की दर में कमी आने से पर्यावरण को तेजी से पहुंच रहे नुकसान को कम करने में भी सहायता मिल सकती है। 2022 में दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले 2 क्षेत्र एशिया से हैं।

इनमें दक्षिण-पूर्वी एशिया (2.3 अरब) और मध्य-दक्षिणी एशिया क्षेत्र में 2.1 अरब जनसंख्या के साथ शामिल हैं। इन दो क्षेत्रों में भी ज्यादा आबादी का कारण चीन और भारत हैं। दोनों ही देशों की आबादी का अनुमान 1.4 अरब से ज्यादा लगाया गया है। 2050 तक दुनिया की आबादी में होने वाली बढ़ोतरी 8 देशों पर केंद्रित रहेगी। इसमें भारत, पाकिस्तान, कांगो, मिस्र, इथियोपिया, नाइजीरिया, फिलीपींस और तंजानिया शामिल हैं। जनसंख्या वृद्धि आंशिक रूप से तब होती है, जब मृत्यु दर में गिरावट होती है। वैश्विक स्तर पर देखें तो मृत्यु दर में भी गिरावट आई है। 2019 की गणना के मुताबिक दुनिया की एवरेज मृत्युदर 72.8 साल है. 1990 के बाद से इसमें करीब 9 साल की बढ़ोतरी हुई हैय़ यह 2050 तक करीब 77.2 साल पहुंच सकती है. यानी आने वाले समय में मृत्युदर और कम हो जाएगी और इंसान की औसत आयु में बढ़ोतरी होगी।