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पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों ने बताया- चोटिल ग्लेन मैक्सवेल कैसे बनाते रहे रन और क्या थी उनकी काट?

“मैं 40 साल का हो गया, नंबर 6 पर आकर 200 रन बनाकर नाबाद रहना, कभी नहीं देखा. वानखेड़े स्टेडियम और यहां आए दर्शक इस मैच को नहीं भूल पाएंगे. मैक्सवेल भाई, सलाम है आपको, आपके साथ दुआएं हैं हमारी.” पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ़ ने मंगलवार रात को ऑस्ट्रेलिया और अफ़ग़ानिस्तान का मैच ख़त्म होने के तुरंत बाद सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर कुछ इस तरह से ग्लेन मैक्सवेल की तारीफ़ों के पुल बांधे.

वीडियो में उन्होंने कहा- भज्जी भाई तालियां बजा रहे हैं. इसके बाद पूर्व ऑफ़-स्पिनर हरभजन सिंह कैमरे पर बोलते हैं, “ऐसा कुछ पहले कभी नहीं देखा.”वहीं, कॉमेंटेटर जतिन सप्रू ने मैक्सवेल की इस पारी की तुलना 1983 विश्वकप में कपिल देव के 175 रनों की नाबाद पारी से करते हुए कहा, “कपिल पाजी के 175 लाइव नहीं देखे, देखे होते तो कैसा महसूस होता, आज पता चला.” मंगलवार को वानखेड़े में हुए मुक़ाबले में अफ़ग़ानिस्तान के दिए 292 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी बुरी तरह लड़खड़ा चुकी थी. हालात ऐसे थे कि 19वें ओवर में 91 रनों पर सात ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ पेवेलियन लौट चुके थे.

मगर ग्लेन मैक्सवेल की टी-20 फ़ॉरमैट जैसी आतिशी बल्लेबाज़ी (128 गेंदों पर 201 रन) और कप्तान पैट कमिंस की टेस्ट मैच जैसी धैर्य भरी पारी (68 गेंदों पर 12 रन) के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने और विकेट खोए बिना, 19 गेंदे बाक़ी रहते तीन विकेट से मैच अपने नाम कर लिया सबसे ज़्यादा तारीफ़ हो रही है मैक्सवेल की, जो क्रैंप (मांसपेशियों में खिंचाव) आने के कारण दर्द से जूझ रहे थे. क्रैंप के कारण मैक्सवेल का क्रीज़ पर खड़े रहना भी मुश्किल नज़र आ रहा था.

क्रैंप के बावजूद कमाल से क्रिकेटर कायल

मैच के दौरान कुछ मौक़े ऐसे भी आए जब मैक्सवेल दर्द के मारे तड़पते दिखाई पड़े.

मगर वह आख़िर तक टिके रहे और न सिर्फ़ अपनी टीम को जीत दिलाई पर छक्का मारकर अपना दोहरा शतक भी पूरा किया.

पाकिस्तान के खेल चैनल ए स्पोर्ट्स के कार्यक्रम द पेवेलियन में मैच की समीक्षा के दौरान पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम ने कहा कि क्रैंप के बावजूद इतना शानदार प्रदर्शन कमाल है.

उन्होंने कहा, “यह वन मैन शो था. कहा जाता है कि एक आदमी गेम नहीं जिता सकता. यह बात कितनी झूठ है. आज हमने देखा कि एक बंदा आपको मैच जिता सकता है, बस जुझारूपन होना चाहिए.”

अकरम ने कहा, “क्रिकेटर आपको बताएंगे कि क्रैंप कितने ख़तरनाक होते हैं. मैक्सवेल इससे गुज़रे और उन्होंने दिखाया है कि आज वह वनडे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं. मैं 20 साल खेला, उसके बाद 20 साल से क्रिकेट से ही जुड़ा हूं, मगर मैंने ऐसी पारी नहीं देखी.”

इसी शो में पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान मिसबाह-उल-हक़ ने कहा कि जब भी मैक्सवेल का दिल कर रहा था, तब वह छक्के और रिवर्स स्वीप मार रहे थे.

उन्होंने कहा, “क्रिकेट में अक्सर कहा जाता है कि आपको बल्लेबाज़ी के लिए बेस चाहिए, फ़ुटवर्क चाहिए, टांगों की ताक़त चाहिए, लेकिन वो बाज़ुओं का इस्तेमाल करते हुए शानदार खेले.”

क्रैंप आने पर होने वाली तक़लीफ़ का ज़िक्र करते हुए मिसबाह ने कहा, “जब कभी क्रैंप आते हैं तो कमर के नीचे से ताक़त लगाने पर बहुत दर्द होता है. मैक्सवेल के साथ भी यही हो रहा था. फिर उन्होंने सिर्फ़ कलाइयों का इस्तेमाल किया. आप अंदाज़ा लगाइए कि उनकी कलाइयों की गति, ताक़त और गेंद के साथ कनेक्शन कितना शानदार था कि आराम से छक्के चले जा रहे थे.”

मैक्सवेल ने कैसे की पावर हिटिंग?

क्रैंप के चलते मैक्सवेल को दौड़ने में भी दिक्कत आ रही थी. कुछ मौक़ों पर वह लंगड़ा रहे थे. बाद में हालत ऐसी हो गई कि खड़े रहने में भी उन्हें असुविधा होने लगी. बावजूद इसके उन्होंने पेस और स्पिन, हर तरह की गेंदों पर अच्छे शॉट लगाए. पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक ने इसी कार्यक्रम में समझाया कि जब मैक्सवेल दर्द के कारण मूवमेंट नहीं कर पा रहे थे, तब भी उन्होंने बड़े शॉट कैसे खेले. उन्होंने बताया, “मैक्सवेल पावर हिटिंग कर रहे थे. अमूमन बल्लेबाज़ बेस बनाते हैं. गेंद का इंतज़ार करते हुए थोड़ा झुकते हैं और फिर गेंद के हिसाब से मूवमेंट करके शॉट खेलते हैं. मगर मैक्सवेल को मूव करने पर दर्द हो रहा था. ऐसे में वह एक ही पोज़िशन पर रुके हुए थे.” मलिक ने कहा, “मैक्सवेल ने दोनों टांगों पर बराबर वज़न डाला था. पावर हिटिंग में ऐसा करना ज़रूरी है क्योंकि तभी आपकी बांहें गेंद की ओर जाती हैं. पावर हिटिंग के लिए आर्म्स एक्सटेंशन महत्वपूर्ण है यानी बांहों को खोलकर शॉट खेलने होते हैं.”

मोइन ख़ान बोले- अफ़ग़ान पेसरों को फेंकनी थी शॉर्ट बॉल

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मोइन ख़ान ने द पेवेलियन शो मे कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ मैक्सवेल को आए क्रैंप का फ़ायदा उठा सकते थे.उन्होंने कहा, “अफ़ग़ानिस्तान के गेंदबाज़ों ने ज़्यादातर छक्के मुंह के आगे फेंकी गई गेंदों पर खाए. अगर वे शॉर्ट गेंद फेंकते तो मैक्सवेल को कमर के नीचे का हिस्सा इस्तेमाल करना पड़ता, जिससे उन्हें दिक्कत होती. उन्होंने ओवरपिच गेंदों पर छक्के लगाए हैं. स्पिनर तो नहीं मगर तेज़ गेंदबाज शॉर्ट पिच गेंदें करते तो कुछ बात होती. ”

उन्होंने मैक्सवेल की तारीफ़ करते हुए कहा, “एक समय ज़ांपा बैटिंग करने आने लगे थे. मगर मैक्सवेल ने अपनी एनर्जी वापस जुटाई. वह कमाल खेले. इस पारी के लिए कोई शब्द नहीं है. अकेले अपने दम पर मैच ले कर चले गए. आठवें विकेट के लिए 200 से ज्यादा रनों की साझेदारी कमाल थी.”मोइन ख़ान और मिसबाह-उल-हक़ दोनों ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लेकर क्लब क्रिकेट तक, कहीं पर भी इस तरह की शानदार पारी नहीं देखी.

भारतीय क्रिकेटर्स ने भी सराहा

सचिन तेंदुलकर ने मैक्सवेल की पारी को अपने जीवन में देखी गई सबसे बेहतरीन पारी बताया.उन्होंने एक्स पर लिखा है, “आख़िरी 25 ओवर में ग्लेन मैक्सवेल ने जो किया, उससे खेल का भाग्य ही बदल गया. मैक्स प्रेशर में मैक्स परफॉर्मेंस. यह मेरे जीवन में देखी गई सर्वश्रेष्ठ वनडे पारी है.”वहीं, वीवीएस लक्ष्मण ने एक्स पर लिखा, “क्रिकेट फ़ील्ड पर सबसे बेहतरीन व्यक्तिगत पारियों में एक… अब तक की सबसे महान पारियों में एक. इस पारी ने कभी हार न मानने की सीख दी. मैक्सवेल के लिए तालियां, यह अविश्वनीय पारी है” वीरेन्द्र सहवाग ने मैक्सवेल की इस पारी को वनडे क्रिकेट की सबसे महान पारियों में से एक बताया है और कहा है कि इस पारी को लंबे समय तक याद रखा जाएगा.