Sunday , December 22 2024
Breaking News

मोदी सरकार में रिकॉर्ड इनकम टैक्स कलेक्शन, विकास में लोगों की भागीदारी बढ़ी

मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों का असर अब साफ दिखने लगा है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में ना केवल इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या बढ़ी है बल्कि आईटीआर दाखिल करने का एक नया रिकॉर्ड भी बना है. आयकर विभाग के मुताबिक 31 अक्टूबर 2023 तक देश में 7.85 करोड़ से ज्यादा आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं. ये देश में आईटीआर दाखिल करने का अब तक का सबसे हाई रिकॉर्ड है.

आयकर विभाग के मुताबिक वर्ष 2023-24 के लिए 31 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 7.85 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में 31 अक्टूबर, 2023 तक दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की कुल संख्या 7.85 करोड़ है जो अब तक सबसे अधिक है. वित्त वर्ष 2022-23 में दाखिल आईटीआर की कुल संख्या 7.78 करोड़ थी. करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर थी.

7.85 करोड़ आईटीआर दाखिल
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के मुताबिक “निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक दाखिल किए गए आईटीआर की कुल संख्या 7.85 करोड़ से अधिक है. यह साल 2022-23 के लिए सात नवंबर 2022 तक दाखिल 6.85 करोड़ आईटीआर की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक है. वहीं साल 2023-24 के लिए दाखिल किए गए 7.65 करोड़ आईटीआर में से 7.51 करोड़ से ज्यादा आईटीआर पहले ही सत्यापित किए जा चुके हैं.

GST कलेक्शन में भी बना नया रिकॉर्ड
वहीं, GST कलेक्शन में भी नया रिकॉर्ड बना है. अक्टूबर महीने में GST कलेक्शन 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े के पार पहुंच गया है. वित्त मंत्रालय की माने तो अक्टूबर 2023 में 1.72 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ है और यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन है. इसमें सालाना आधार पर 13% की बढ़ोतरी हुई है. एक साल पहले अक्टूबर, 2022 में जीएसटी कलेक्शन 1.52 लाख करोड़ रुपये था. GST कलेक्शन अक्टूबर में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा है. यह GST कलेक्शन का दूसरा सबसे ऊंचा मासिक आंकड़ा है.

मोदी राज में 173% बढ़ा टैक्स कलेक्शन
मोदी कार्यकाल में टैक्स कलेक्शन को लेकर जबरदस्त सुधार किए गए हैं. इसका फायदा अब साफतौर पर नजर आ रहा है. इसकी गवाही डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े भी दे रहे हैं. मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले 2013-14 में सरकार का ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (जिसमें इनकम टैक्स और कॉरपोरेट इनकम टैक्स शामिल होते हैं) 7.21 लाख करोड़ रुपये था. लेकिन 2022-23 में इस आंकड़े ने 173 फीसदी से ज्यादा की छलांग लगा दी है.

मोदी सरकार में बना रिकॉर्ड
मोदी राज में टैक्स कलेक्शन बढ़ने में सरकार के सुधारों का सबसे ज्यादा योगदान रहा है. मोदी सरकार ने कर संग्रह बढ़ाने के लिए नोटबंदी, GST, इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया को आसान बनाने से लेकर रिफंड के प्रोसेस में तेजी लाने का काम भी किया है. इसके साथ ही सरकार ने कालेधन पर टास्क फोर्स बनाने और इनकम टैक्स की नई साइट बनाने जैसे कई बड़े सुधार कार्य किए हैं. इन सबसे टैक्सपेयर्स का दायरा बढ़ाया गया और सरकार की झोली में मोटी रकम बतौर टैक्स आई है.

पीएम मोदी के नौ साल में आयकर नियमों में बड़े बदलावों पर एक नजर…

2014 में आयकर नियमों में बदलाव
व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया. वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई. धारा 80 सी के तहत कटौती की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख कर दी गई, जबकि होम लोन पर ब्याज के लिए कटौती सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई.

2015 में आयकर नियमों में बदलाव
आम जनता के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा 15,000 से बढ़ाकर 25,000 कर दी गई.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा 20,000 से बढ़ाकर 30,000 कर दी गई. परिवहन भत्ते की छूट भी 800 रुपये से बढ़ाकर 1,600 रुपये प्रति माह कर दी गई. धारा 80 सीसीडी के तहत राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत योगदान के लिए 50,000 की अतिरिक्त कटौती. 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर सरचार्ज 10% से बढ़ाकर 12% किया गया. संपत्ति कर समाप्त कर दिया गया. 1 करोड़ रुपये से अधिक कर योग्य आय वाले अति-अमीरों पर 2% का अतिरिक्त अधिभार लगाया गया.

2016 में आयकर नियमों में बदलाव
धारा 87ए के तहत सालाना 5 लाख रुपये से अधिक आय वाले लोगों के लिए कर छूट को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया. धारा 80GG के तहत भुगतान किए गए किराए पर कटौती की सीमा भी 24,000 प्रति वर्ष से बढ़ाकर 60,000 प्रति वर्ष कर दी गई. 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर सरचार्ज 12% से बढ़ाकर 15% किया गया. बजट में सालाना 10 लाख रुपये से अधिक के लाभांश पर 10% आयकर भी लगाया गया.

2017 में आयकर नियमों में बदलाव
2.5 लाख-5 लाख ब्रैकेट में टैक्स की दर 10% से घटाकर 5% कर दी गई. वित्त मंत्री ने धारा 87ए के तहत कर छूट को 5,000 रुपये से घटाकर 2,500 रुपये कर दिया, जो उन करदाताओं पर लागू होती है जिनकी वार्षिक आय 3.5 लाख रुपये तक है. 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच वार्षिक कर योग्य आय वालों पर 10% का अधिभार लगाया गया.

2018 में पीएम मोदी के नेतृत्व में आयकर नियमों में बदलाव
परिवहन भत्ते में वर्तमान छूट और विविध चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति के बदले 40,000 की मानक कटौती की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा व्यय पर कटौती 30,000 से बढ़ाकर 50,000 कर दी गई. वरिष्ठ नागरिकों के मामले में बैंकों और डाकघरों में जमा राशि पर अर्जित ब्याज आय पर कटौती को 10,000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया, साथ ही 50,000 तक की ब्याज आय पर कर कटौती से छूट दी गई. किसी भी इंडेक्सेशन के लाभ की अनुमति के बिना 1 लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10% की दर से कर लगाने का निर्णय.