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महुआ मोइत्रा के मामले में टीएमसी सांसद ने दी नसीहत, कहा- हम किसी को टारगेट नहीं करते

कोलकाता। हमारी पार्टी ने हमेशा सांसदों को आजादी दी है कि वे जनता के हितों के मसले संसद में अपने मुताबिक उठा सके। लेकिन टीएमसी किसी सांसद से यह भी नहीं कहती कि किसी व्यक्ति को टारगेट किया जाए, जो नेता भी न हो। महुआ मोइत्रा के मामले में चुप्पी साधे बैठी टीएमसी के एक सांसद ने पार्टी की तरफ से यह नसीहत दी है। उन्होंने तो यह भी कहा कि अब महुआ मोइत्रा के प्रकरण के बाद टीएमसी संसद में व्यवहार को लेकर गाइडलाइंस तय कर सकती है। इसके अलावा सांसदों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग भी शुरू हो सकती है।

अब तक TMC की ओर से बंगाल सरकार के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम ने ही महुआ मोइत्रा का सपोर्ट किया है। उनके अलावा ममता बनर्जी समेत किसी भी नेता ने महुआ के समर्थन में कोई बात नहीं की है। हाकिम ने पिछले सप्ताह कहा था कि मैं नहीं जानता कि पार्टी की क्या राय है, लेकिन मैं निजी तौर पर मानता हूं कि यह महुआ को शांत करने की कोशिश है क्योंकि वह भाजपा और मोदी पर हमले बोलती हैं। वहीं टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने सीधे पल्ला ही झाड़ लिया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में महुआ मोइत्रा ही कुछ कह सकती हैं। पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया जाएगा।

इसके बाद तो फिरहाद हाकिम ने भी मीडिया से दूरी बना ली थी। हालांकि यह जरूर कहा था कि मैं महुआ के साथ हूं, लेकिन इस मसले पर कोई बात नहीं करूंगा। महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने आरोप लगाया था कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कैश और गिफ्ट लेकर संसद में अडानी को लेकर सवाल पूछे थे। इसके बाद खुद हीरानंदानी ने ही एफिडेविट देकर महुआ पर ऐसे आरोप लगाए थे। अब महुआ को संसद की एथिक्स कमेटी ने 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है।

बंगाल (Bengal) में ममता बनर्जी अपनी इमेज अब इंडस्ट्री के खिलाफ नहीं दिखाना चाहतीं। उनके अडानी ग्रुप से अच्छे रिश्ते हैं। खुद ममता बनर्जी 2021 से अब तक दो बार निजी तौर पर अडानी से मिल चुकी हैं। दिसंबर 2021 में ममता और अडानी के बीच बंगाल सचिवालय में डेढ़ घंटे की मीटिंग हुई थी। यही नहीं 2022 में तो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गौतम अडानी को ग्लोबल बिजनेस समिट के उद्घाटन के लिए कोलकाता आमंत्रित किया था। टीएमसी को लगता है कि महुआ के मामले में वह फंस गई है। यदि साथ दिया तो अडानी से रिश्ते भी बिगड़ने का डर होगा, जो बंगाल में मोटा निवेश कर रहे हैं।

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 2022 में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘राजनीति अलग चीज है और कारोबार एकदम अलग। यदि आपको बढ़ना है तो फिर सबको साथ लेकर चलना होगा।’ पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब महुआ के बयान या उनके कामों से पार्टी की किरकिरी हुई है। इससे पहले काली माता पर महुआ मोइत्रा का बयान ऐसा था कि वह बुरी तरह घिर गई थीं। इस पर ममता बनर्जी ने उन्हें नसीहत दी थी।