कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश के युवाओं को “अंधा” बनाने के लिए नशीली दवाओं का इस्तेमाल एक उपकरण के रूप में कर रही है। उन्होंने कहा, देश के कई बंदरगाहों पर ड्रग्स पकड़े जा रहे हैं, लेकिन युवाओं और देश के लिए “गंभीर सवाल” उन बड़ी खेपों के बारे में है, जिनकी सप्लाई धड़ल्ले से हो रही है और इनकी पहचान भी नहीं हो रही है।
पागलपन की तरफ धकेले जा रहे युवा
मुंबई कांग्रेस कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कन्हैया कुमार ने कहा कि देश के कई बंदरगाहों पर ड्रग्स पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं को अंधा करने के कई साधन हैं। उनमें से एक है नशा। युवाओं को नशे की लत में फंसाया जा रहा है। उन्हें पागलपन की स्थिति में धकेला जा रहा है, ताकि उन्हें पता न चले कि उनके और उनके समुदाय के साथ-साथ अतीत, भविष्य और पूरे देश क्या किया जा रहा है?
धारावी पुनर्विकास पर भी सवाल खड़े किए
गौरतलब है कि कांग्रेस ने कन्हैया को पार्टी की छात्र शाखा- नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) का प्रभारी नियुक्त किया है। पदभार संभालने के बाद पहली बार मुंबई पहुंचे कन्हैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे की भी आलोचना की। उन्होंने सवाल किया कि हजारों लोगों की अनदेखी क्यों की जा रही है? कन्हैया ने पूछा कि धारावी के पुनर्विकास की प्रक्रिया में लोगों को उनके अधिकारों से दूर रखा जा रहा है ।
कार्यकाल में 18 करोड़ नौकरियां क्यों नहीं?
कन्हैया ने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसे समय में छात्रों के लिए एक विशेष ऐप लॉन्च कर रहे हैं जब बेरोजगारी का मुद्दा गंभीर है। उन्होंने कहा, ऐसी घोषणाएं करने के बजाय, उन्हें हर साल दो करोड़ नौकरियों के अपने पुराने वादे को पूरा करने की जरूरत है। उनके 9 साल के कार्यकाल में, 18 करोड़ नौकरियां कहां हैं? भारत के कुल बजट का 10 प्रतिशत भी शिक्षा पर खर्च नहीं किया जाता है। कन्हैया ने दावा किया, ”यह स्पष्ट है कि सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है।”
भारत में औसतन हर घंटे एक सुसाइड
महंगी होती जा रही पढ़ाई का जिक्र करते हुए कन्हैया ने कहा, “आम लोग पढ़ाई का खर्च वहन नहीं कर सकते। लोग अपना पूरा जीवन बच्चों की स्कूल फीस, यूनिफॉर्म, पाठ्यपुस्तकों और अन्य चीजों के लिए कमाने में बिता देते हैं। बेरोजगारी के कारण छात्र बहुत तनाव में हैं। उन्होंने दावा किया कि ”आज देश में औसतन हर घंटे आत्महत्या होती है।”
प्रधानमंत्री मन की नहीं, जन की बात करने पर ध्यान दें
प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला करते हुए पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि अगर पीएम ने जो वादे किए थे उनमें से पांच प्रतिशत भी पूरे कर दिए जाते तो भी देश की जनता काफी बेहतर स्थिति में होती, लेकिन हालात ऐसे हैं कि ‘अच्छे दिन’ दूरबीन के साथ भी देखने को नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें अब मन की बात के बजाय ‘जन की बात’ (लोगों की मांगें और इच्छाएं) करनी चाहिए। बता दें कि कन्हैया राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं।
भाजपा को सबक सिखाएगी महाराष्ट्र की जनता
महाराष्ट्र की राजनीति पर कन्हैया कुमार ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार नागरिकों को हल्के में ले रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग “सब कुछ समझते हैं।” जनता सत्तारूढ़ भाजपा-एनसीपी और शिवसेना की सरकार को “उसकी असली जगह” जरूर दिखाएगी।
सभी के लिए समान अवसर नहीं
देश में नीतिगत बदला पर जोर देते हुए कन्हैया ने कहा, रोजगार सृजन सुनिश्चित करने के लिए देश की आर्थिक नीति में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, “हमने अपनी उत्पादकता खत्म कर दी है। रोजगार सृजन तभी होगा जब सेवा क्षेत्र के साथ-साथ विनिर्माण पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए एकाधिकार समाप्त होना चाहिए। आज देश में सभी क्षेत्रों में केंद्रीकृत व्यवस्था है। नतीजतन, सभी को समान अवसर नहीं मिलता है। उन्होंने कहा, प्रतिस्पर्धा के लिए समान अवसर उपलब्ध होने पर ही नए उद्यमी और उद्योग सामने आएंगे।”