महिला विकास मंच द्वारा रविवार को दसवां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के मशहूर टीचर खान सर ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कहा शिक्षा उस शेरनी का दूध है जिसे पीने के बाद इंसान ने पूरी दुनिया मे दहाड़ा है।
खान सर ने कहा कि किसी भी हाल में बच्चों को नहीं छोड़ना चाहिए, वहीं उन्होंने अपने बीत हुए दिनों को याद करते हुए कहा कि मेरी मां की बहुत अच्छी बात यह रही कि, किसी भी रिश्तेदार को यह नहीं बताया कि मैं पढ़ाई कर रहा हूं। खामोशी से मुझे पढ़ाती रहीं और ज़िंदगी में बेहतर करने के लिए हौसला अफ़ज़ाई करती रहीं। “मेरी जेब में थोड़ी सुराख क्या हुई,सिक्कों से ज्यादा रिश्तेदार गिर गए।”
खान सर ने महिला विकास मंच के कामों की सराहना करते हुए कहा कि दस साल में इस संगठन ने कई अच्छे काम किये हैं। इस संगठन के महत्वपूर्ण योगदान से धीरे-धीरे समाज की तस्वीर ज़रूर बदलेगी। महिला विकास मंच से हज़ारों कार्यकर्ता जुड़े हैं, यह बहुत ही मुश्किल से इकट्ठा हुए हैं। हमने सिर्फ छह लोगों के साथ मिलकर संस्थान की शुरुआत की थी, आज की तारीख में कारवां बहुत लंबा हो गया है।
हमारे समाज में दो पुरुषों के बीच हो रही लड़ाई में महिलाओं को ही गाली सुन्नी पड़ती है। धीरे-धीरे समाज की तस्वीर और मानसिकता ज़रूर बदलेगी। समाज को बदलन में महिला विकास मंच का भी अहम योगदान रहेगा। रात चाहे कितनी भी बड़ी क्यों नहीं हो, सुबह होने से कोई नहीं रोक सकता है।
खान सर ने कहा कि आगे बढ़ने वालों कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखना चाहिए, पतंग और इंसान जितना ऊपर पहुंचते हैं, उसे काटने वालों की तादाद बढ़ती जाती है। आपके लिए जिन्होंने कुछ नहीं किया, उन्होंने आपको लिए कोई योगदान नहीं दिया। वैसे लोगों की बातों को तवज्जोह नहीं दें, क्योंकि वह बस आपको रोकने का ही सोचेंगे।